मुफलिसी से तंग महिला ने की खुदकशी
गाजियाबाद में प्राइवेट नौकरी कर गृहस्थी का ढर्रा चला रहा परिवार होली का त्योहार मनाने गांव आया फिर लॉकडाउन के भंवर में फंसकर वापस न जा सका। पति पत्नी व चार बच्चों का भरण पोषण आर्थिक तंगी के कारण समस्या बन गई। जिससे परेशान महिला ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली।
संवाद सूत्र, जहानगंज : गाजियाबाद में प्राइवेट नौकरी कर गृहस्थी की गाड़ी खींचने वाले ग्रामीण का परिवार होली मनाने गांव आया, फिर लॉकडाउन में फंसकर वापस न जा सका। पति, पत्नी व चार बच्चों का भरण पोषण आर्थिक तंगी के कारण समस्या बन गई, जिससे परेशान महिला ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली।
क्षेत्र के गांव कोरीखेड़ा निवासी नवाब सिंह अपनी पत्नी रेखा, पुत्री दिव्या, रुचि, पुत्र आरूज व आदित्य के साथ गाजियाबाद के मोदी नगर में रहकर कार ड्राइवर थे। होली घर पर मनाने वह परिवार समेत गांव आए थे। अचानक लॉकडाउन लग गया तो यह लोग गांव में फंस गए। धीरे-धीरे सारी जमा पूजी समाप्त हो गई, तो पति ने गांव में मजदूरी करनी शुरू कर दी। रोज काम न मिलने पर पति परेशान रहने लगा। सोमवार शाम पति पत्नी में कुछ विवाद भी हो गया। रात में खाना खाकर सभी लोग छत पर लेट गए। सुबह पति नवाब सिंह नीचे उतरकर आए तो देखा कि उनकी 35 वर्षीय पत्नी रेखा ने घर के बरामदे में फांसी लगाकर खुदकशी कर ली है। नवाब सिंह ने अपने स्वजनों को जानकारी दी तथा शव को उतार कर अंतिम संस्कार कर दिया। थानाध्यक्ष पूनम जादौन ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। तीन बीघा खेत दे रखा है उगाही पर
कोरी खेड़ा निवासी नवाब सिंह के पास तीन बीघा खेत है। जिसे विगत कई वर्षों से 18 हजार रुपये साल के हिसाब से गांव में ही उगाही पर दे रखा है। सोमवार को खाते मे पहुंची थी मजदूरी
नवाब सिंह ने छह दिन मनरेगा में काम किया था। जिसका 201 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 1206 रुपये का भुगतान मिला। प्रधान पति ने बताया कि मनरेगा मजदूरी सोमवार को ही खाते में भेजी गई है।