जाने वाले तो नहीं आएंगे वापस, सरकार ने आंसू जरूर पोछे
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद कोरोना की जद में आए शिक्षकों के लिए सरकार ने 30 लाख की अनु
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कोरोना की जद में आए शिक्षकों के लिए सरकार ने 30 लाख की अनुग्रह राशि मंजूर करने का निर्णय लिया है। मगर सरकार के इस निर्णय से मृतकों के स्वजन संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। उनका कहना है कि जाने वाले तो चले गए, लेकिन सरकार ने सिर्फ आंसू पोछने का ही काम किया है। वहीं शिक्षक संगठनों ने अनुग्रह राशि कम से कम 50 लाख रुपये दिए जाने की मांग।
कोरोना की दूसरी लहर में जिले में लगभग 25 शिक्षक असमय काल के गाल में समा गए। शिक्षक संगठनों ने प्रदेश सरकार से मांग की थी कि मृतकों के स्वजनों को कम से कम 50 लाख की अनुग्रह राशि दी जाए। इसके साथ ही मृतक आश्रित में नौकरी मिले। सरकार के निर्णय को लेकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष भूपेश पाठक का कहना है कि सरकार ने अपनी मर्जी ही चलाई है। सरकार को कम से कम 50 लाख रुपये अनुग्रह राशि अवश्य मृतक शिक्षकों के स्वजनों को देनी चाहिए थी। अगर मृतक आश्रित में उन्हें नौकरी नहीं मिलती है तो संगठन पुरजोर विरोध करेगा। --
'किसी परिवार का कमाने वाला चला जाए तो काफी दिक्कत आती है। अनुग्रह राशि के साथ ही कम से कम परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित में नौकरी जरूर मिले। अनुग्रह राशि भी सरकार को 50 लाख देनी चाहिए थी।'
- गौरव राजपूत पुत्र स्व.नरेंद्र राजपूत मृतक शिक्षक।
-- 'सरकार ने मृतक शिक्षकों के स्वजनों को अनुग्रह राशि की तो घोषणा कर दी, लेकिन मृतक आश्रित में नौकरी के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया। इससे सरकार की मंशा कुछ और ही नजर आ रही है। अनुग्रह राशि भी कम है।'
- वैभव कुमार पुत्र स्व. ममता सिंह मृतक शिक्षिका। --
'जो अनुग्रह राशि सरकार ने देने की घोषणा की है, वह कम है। इतना तो मम्मी को तीन साल में वेतन ही मिल जाता। सरकार ने शिक्षकों से जबरन ड्यूटी कराई और अब उनके स्वजनों का कोई ध्यान नहीं रख रही है। मृतक आश्रित में नौकरी के साथ एक करोड़ अनुग्रह राशि सरकार को देनी चाहिए थी।'
- अद्वैत अग्निहोत्री पुत्र स्व. राजीव अग्निहोत्री कोरोना मृतक।
-- 'सरकार मनमानी पर उतारू है। अन्य विभागों में कार्यरत लोगों को सरकार ने कोरोना योद्धा मानते हुए 50 लाख अनुग्रह राशि दी है, तो बेसिक शिक्षकों के साथ यह भेदभाव पूर्ण रवैया क्यों अपनाया, जबकि बेसिक के शिक्षकों ने पूरी ईमानदारी के साथ जान जोखिम में डालकर पंचायत चुनाव में ड्यूटी की।'
- बृजेश कुमार मृतक शिक्षिका पूनम सिंह के पति।