मुख्य आरोपित के पिता का पुराना है विवादों से नाता
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद लोहिया अस्पताल परिसर में बुधवार रात हुए बवाल के मुख्य आरोपित
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : लोहिया अस्पताल परिसर में बुधवार रात हुए बवाल के मुख्य आरोपित पंकज के पिता और कभी यहां सीएमओ कार्यालय में तैनात रहे लिपिक एमके सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। विगत 2015 में एनएचएम घोटाले में ऑडिट रिपोर्ट में नाम आने के बाद उनका प्रशासनिक आधार पर तबादला कर दिया गया था। हालांकि कुछ ही माह में वह फर्रुखाबाद फिर लौट आए थे। वर्ष 2018 में उनका स्थानांतरण लोहिया अस्पताल में किया गया। यहां से नवंबर 18 में उनका तबादला लखनऊ के लिए किया गया, लेकिन उन्होंने चार्ज नहीं छोड़ा। आखिर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विगत 28 फरवरी को वह यहां से गए।
वर्ष 2015 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की एक ऑडिट रिपोर्ट में गंभीर आपत्तियां सामने आने के बाद मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई गई थी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ लिपिक एम के सिंह का नाम भी सामने आया था। इसी के बाद प्रशासनिक आधार पर उनका तबादला ललितपुर के लिए हुआ था, लेकिन बाद में उसे संशोधित कर जनपद कन्नौज कर दिया गया। हालांकि कुछ माह बाद ही वह वापस फर्रुखाबाद आ गए थे। बाद में जांच रफा-दफा हो गई। वर्तमान में वह सीएमओ लखनऊ के आधीन कार्यरत हैं। हालांकि अभी तक उन्होंने लोहिया में आइपीपी-6 परिसर स्थित सरकारी आवास खाली नहीं किया है। इसमें उनके तीन पुत्र परिवार सहित रह रहे हैं। एक अन्य आवास पर भी कब्जा
आइपीपी-6 परिसर स्थित एक अन्य आवास पर भी एक अन्य लिपिक कब्जा किए है। इस आवास में ही असामाजिक तत्वों का जमघट लगता है। यह आवास सीएमओ कार्यालय के एक लिपिक के नाम आवंटित है। लिपिक कंपिल क्षेत्र का मूल निवासी है। वहीं से रोज आता-जाता है।
नर्सेस ट्रेनिग सेंटर पर कब्जे को लेकर विवाद
परिसर स्थित नर्सेज ट्रेनिग सेंटर कई दशकों से निष्प्रयोज्य पड़ा है। इसमें असमाजिक तत्वों का कब्जा रहता था। यहां पर उनके वाहनों की पार्किंग के अलावा जुए और शराब की पार्टियां चलती थीं। कुछ दिन पूर्व यह भवन एंबुलेंस चालकों को रहने के लिए दे दिया गया। इसी पर दबंग खुन्नस मानते हैं। यही कारण है कि आरोपित युवक पूर्व में भी कई बार एंबुलेंस चालकों से विवाद कर चुके हैं।
मैंने हाल ही में जिले का चार्ज लिया है। यदि लिपिक तबादला हो चुका है, तो उन्हें आवास खाली कर देना चाहिए था। उन्हें नोटिस दिया जाएगा और जल्द आवास खाली कराएंगे।
डॉ. वंदना सिंह यादव, मुख्य चिकित्साधिकारी