शहर के स्वच्छता अभियान में लगा भ्रष्टाचार का घुन
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद नगरपालिका परिषद ने पिछले दिनों स्वच्छता अभियान के तहत घरों स
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : नगरपालिका परिषद ने पिछले दिनों स्वच्छता अभियान के तहत घरों से कूड़ा संकलन कराने के लिए रिक्शे व कूड़ेदान खरीदे थे। इसका जोरशोर से प्रचार-प्रसार किया गया था, लेकिन दस दिन बाद ही रिक्शे खराब होने लगे। अधिकांश रिक्शा स्टोर में खड़े हो गए। कूड़ेदान भी मानक के अनुसार नहीं निकले, जिससे अभियान पूरी तरह फ्लाप हो गया।
नगरपालिका परिषद ने लॉकडाउन के दौरान घर-घर कूड़ा उठवाने के लिए 62 रिक्शा व कूड़ेदान खरीदे थे। तत्कालीन अधिशासी अधिकारी रश्मि भारती ने दावा किया था कि कर्मचारी घर-घर जाकर कूड़ा लेंगे। इससे स्वच्छता अभियान में बड़ी सफलता मिलेगी। जिम्मेदारों का मानना था कि अभी लोग जागरूकता के अभाव में सुबह सफाई होने के बाद ही सड़कों पर कूड़ा फेंकने लगते हैं। अब लोग घरों में ही कूड़ा संकलन करेंगे। अभियान शुरू होने के कुछ दिन बाद ही रिक्शे खराब होने लगे। कुछ रिक्शे ही सड़कों पर रह गए। किसी का धुरा टूट गया तो किसी के टायर ट्यूब घटिया थे। कूड़ेदान की चादर भी हल्की थी। इसी वजह से अभियान सफल नहीं हुआ। रिक्शा व कूड़ेदान की खरीद मेरी तैनाती से पूर्व की गई थी। उन्होंने चार्ज लेने के बाद रिक्शा देखे तो दंग रह गए। 28 हजार रुपये कीमत का रिक्शा व कूड़ेदान मानक के अनुसार नहीं थे। कंपनी के अधिकारियों को बुलाकर उन्हें अवगत करा दिया गया है। उन्हें बताया गया है कि रिक्शा व कूड़ेदान नगरपालिका के लिए कंडम हैं। भुगतान रोककर इन्हें तत्काल बदलने को कहा गया है। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि वह शीघ्र ही मानक के अनुसार रिक्शा तैयार कर देगी। कंपनी के कुछ कर्मचारी काम कर रहे हैं। पुर्जे बदले जा रहे हैं। काम पूरा होते ही घर-घर कूड़ा संकलन शुरू हो जाएगा।
- रविद्र कुमार, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका।