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रास्ता बंद करने के विरोध में छावनी के नागरिक लामबंद

विगत 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के बाद से ही फतेहगढ़ स्थित छावनी क्षेत्र की सिविल आबादी के लिए क‌र्फ्यू जैसे हालात हैं। लोगों के लिए सब्जी और दवा तक ला पाने के लाले हैं। सेना ने बाहर से आने वाले सभी रास्ते बंद होने के चलते लोग आवश्यक होने पर रेलवे बाउंड्री के एक छोटे पैदल रास्ते से निकल पा रहे थे। छावनी परिषद के पत्र के बाद बुधवार को रेलवे कर्मी बाउंड्री बंद करने पहुंचे तो नागरिकों ने विरोध कर दिया। इसके बाद काम रोक दिया गया। मामले में अपर जिलाधिकारी ने जांच का आश्वासन दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 06:02 AM (IST)
रास्ता बंद करने के विरोध में छावनी के नागरिक लामबंद
रास्ता बंद करने के विरोध में छावनी के नागरिक लामबंद

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : विगत 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के बाद से ही फतेहगढ़ स्थित छावनी क्षेत्र की सिविल आबादी के लिए क‌र्फ्यू जैसे हालात हैं। लोगों के लिए सब्जी और दवा तक ला पाने के लाले हैं। सेना ने बाहर से आने वाले सभी रास्ते बंद होने के चलते लोग आवश्यक होने पर रेलवे बाउंड्री के एक छोटे पैदल रास्ते से निकल पा रहे थे। छावनी परिषद के पत्र के बाद बुधवार को रेलवे कर्मी बाउंड्री बंद करने पहुंचे तो नागरिकों ने विरोध कर दिया। इसके बाद काम रोक दिया गया। मामले में अपर जिलाधिकारी ने जांच का आश्वासन दिया है।

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प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन में ढील की घोषणा और जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद छावनी क्षेत्र के मोहल्ला कासिम बाग के नागरिकों के लिए हालात जस-के-तस हैं। सैन्य क्षेत्र के सभी गेट्स बंद होने के चलते कासिम बाग के लोग न तो काम काज के लिए निकल पा रहे हैं और न ही उन तक जरूरी आवश्यक सामान पहुंच पा रहा है। नागरिकों ने बताया कि बीमार लोगों को बाहर दिखाने ले जाना तो दूर दवा और दूध तक नहीं पहुंच पा रहा है। लगभग एक फिट चौड़ा रास्ता रेलवे की बाउंड्री से होकर जाता है, उसे भी बुधवार को बंद करने की कवायद हुई तो नागरिक विरोध में निकल आए। विरोध के चलते काम रोक दिया गया। छावनी परिषद खोलेगी 'लोको गेट'

छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि लोगों की समस्या को देखते हुए गुरुवार से लोको गेट की ओर से लोगों को निकलने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए स्थानीय लोगों को पास जारी किए जाएंगे। हर परिवार के कम से कम एक व्यक्ति को पास दिया जाएगा। जिससे वह बाहर निकल कर अपने काम पर जा सकें और जरूरत का सामान भी ला सकें। क्षेत्र में सैन्य बैरिकों के आबादी के करीब होने के चलते एहतियात बरती जा रही है।


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