रेलवे अधिकारी के सामने कर्मचारी नेता व खलासी में मारपीट
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार पर काम कर रहे सिग्नल विभाग के हेल्पर (खलासी) एवं इंजीनियरिग विभाग के सुपरवाइजर व कर्मचारी नेता में सोमवार को जमकर मारपीट हुई। दोनों पक्षों ने अपने समर्थकों को बुला लिया। रेलवे लाइन पर पड़े पत्थर उठाकर एक-दूसरे पर फेंके गए। घटना के समय सीनियर सेक्शन इंजीनियर भी मौजूद थे। वह बचने को दूर भाग गए। आरपीएफ ने नशे में होने के कारण खलासी को हिरासत में ले लिया। उसका लोहिया अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार पर काम कर रहे सिग्नल विभाग के हेल्पर (खलासी) एवं इंजीनियरिग विभाग के सुपरवाइजर व कर्मचारी नेता में सोमवार को जमकर मारपीट हुई। दोनों पक्षों ने अपने समर्थकों को बुला लिया। रेलवे लाइन पर पड़े पत्थर उठाकर एक-दूसरे पर फेंके गए। घटना के समय सीनियर सेक्शन इंजीनियर भी मौजूद थे। वह बचने को दूर भाग गए। आरपीएफ ने नशे में होने के कारण खलासी को हिरासत में ले लिया। उसका लोहिया अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया।
फतेहगढ़ के मोहल्ला कासिमबाग निवासी रामलखन रेलवे के सिग्नल विभाग में खलासी है। वह कर्मचारी अजयपाल, विजेंद्र व सोहन सिंह के साथ फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच पर आउटर सिग्नल की ओर काम कर रहे थे। उसी समय सीनियर सेक्शन इंजीनियर जहीर अहमद खां के साथ आल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियर के मंडल अध्यक्ष व सुपरवाइजर इंद्रभान सिंह वहां पहुंच गए। इंद्रभान सिंह व रामलखन में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। अचानक मारपीट होने लगी। दोनों पक्षों की ओर से रेलवे लाइन के किनारे पड़े पत्थर उठाकर फेंके जाने लगे। जिससे अन्य कर्मचारी भाग खड़े हुए। कुछ देर बाद रामलखन आरपीएफ थाने पहुंचे। उन्होंने इंद्रभान सिंह के खिलाफ हमला करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। इस पर आरपीएफ इंस्पेक्टर ने ब्रीथ एनालाइजर मंगवाकर जांच की तो रामलखन के नशे में होने की पुष्टि हो गई। इसके बाद उनका लोहिया अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया। रामलखन ने बताया कि उनके पिता टेक चंद्र इंजीनियरिग विभाग में नौकरी कर चुके हैं। इंद्रभान सिंह उनसे खुन्नस मानते हैं। उन्होंने कुछ युवकों को बुला लिया था, जिन्होंने उनके साथ मारपीट की। इंद्रभान सिंह ने बताया कि हमले के दौरान सीनियर सेक्शन इंजीनियर खुद को बचाने के लिए दूर भाग गए। बाहरी लड़कों को बुलाकर रामलखन ने उन पर हमला करवाया। आरपीएफ इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इंद्रभान सिंह भाग गए। रामलखन के नशे में होने की पुष्टि हो गई है। कार्रवाई की जा रही है।