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जर्जर भवन बनवाने वाले शिक्षकों से होगी वसूली

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद: कायमगंज के प्राथमिक विद्यालय पंछी नगला का छज्जा गिरने से एक बच्चे

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 09:59 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 09:59 PM (IST)
जर्जर भवन बनवाने वाले शिक्षकों से होगी वसूली

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद: कायमगंज के प्राथमिक विद्यालय पंछी नगला का छज्जा गिरने से एक बच्चे की मौत के बाद परिषदीय विद्यालयों के गुणवत्ताहीन भवन बनवाने वाले शिक्षकों की कुंडली तैयार कर ली गई है। जर्जर भवनों की पीडब्ल्यूडी से आकलन रिपोर्ट आने के बाद जर्जर निर्माण को ढहाने के साथ ही भवन प्रभारी शिक्षकों से वसूली की कार्रवाई होगी। पीडब्ल्यूडी के पास जांच के लिए 100 जर्जर स्कूल भवन व अतिरिक्त कक्षों की सूची भेजी जा चुकी है। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद जर्जर विद्यालयों की सूची में उनके भवन प्रभारी शिक्षकों का नाम भी शामिल किया गया है।

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30 जर्जर भवन सर्व शिक्षा से बने

पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड को 47 व प्रांतीय खंड को 53 जर्जर भवनों और अतिरिक्त कक्षों का आकलन करने के लिए अब तक सूची भेजी जा चुकी है। 100 जर्जर भवनों में 30 का निर्माण 2000-01 से शुरू सर्व शिक्षा के बजट से कराया गया। निर्माण कार्यों में सबसे ज्यादा घपला सर्व शिक्षा में ही हुआ। निर्माण कराने वालों में कुछ शिक्षक नेता व तत्कालीन अधिकारियों के चहेते शिक्षक शामिल हैं। 2010-11 और 2011-12 के प्राथमिक विद्यालय नगला पाल व परतापुर के कक्ष भी जर्जर हैं।

सौ साल पुरानी बिल्डिंग भी खड़ीं

वर्षों पुराने जर्जर भवनों को निष्प्रयोज्य घोषित कर उन्हें ध्वस्त किए जाने की रिपोर्ट भी पीडब्ल्यूडी से मांगी गई है। कन्या प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर गढि़या का निर्माण 1907 और कन्या प्राइमरी नरायपुर गढि़या का निर्माण 1910 में हुआ था। उच्च प्राथमिक विद्यालय रजलामई (1925), प्राथमिक विद्यालय शमसाबाद प्रथम (1930) व प्राथमिक विद्यालय होतेपुर (1933) के भवन भी जर्जर हैं।

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जिन जर्जर विद्यालय भवनों का निर्माण शिक्षकों ने कराया है, उनकी सूची तैयार हो गई है। पीडब्ल्यूडी से रिपोर्ट मिलने के बाद निर्माण वर्ष के आधार पर कार्रवाई के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

-राजकुमार पंडित, बीएसए


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