रामगंगा का जलस्तर घटने से कटान तेज
संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा का जलस्तर स्थिर होने के बाद भी तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी भ
संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा का जलस्तर स्थिर होने के बाद भी तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई दिनों से बाढ़ का पानी भरा रहने से गन्ने की फसल खराब हो रही है। रामगंगा का जलस्तर कम होने से अहलादपुर भटौली व कोलासोता गांव में कटान हो रहा है।गंगा का जलस्तर 136.85 मीटर पर स्थिर है। नरौरा बांध से गंगा में 1,53,510 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर घटकर 136.65 मीटर पर पहुंच गया है। खोह, हरेली व रामनगर से रामगंगा में 8,665 क्यूसेक पनी छोड़ा गया है।
गंगा की बाढ़ के पानी से तीसराम की मड़ैया, सुंदरपुर, बंगला, नगला दुर्गु, कछुआ गाढ़ा, सैदापुर, आशा की मड़ैया, उदयपुर, जोगराजपुर, रामपुर, लायकपुर, मंझा की मड़ैया, करनपुर घाट, कलिका नगला गांव घिरे हुए हैं। जिससे ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं। करनपुर घाट, आशा की मड़ैया, कुडरी सारंगपुर व कलिका नगला के घरों में बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे ग्रामीणों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। रामगंगा के जलस्तर में कमी आने से अहलादपुर भटौली व कोलासोता में कटान तेज शुरू हो गया है। नदी की धार से अहलादपुर के अधिकांश ग्रामीण बेघर हो चुके हैं। ग्रामीण झोपड़ियों व पालीथीन के नीचे परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। रविवार को हुई बरसात ने बेघर ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी है। बाढ़ के पानी में डूबी फसलें खराब
गंगा के बाढ़ के पानी में माखन नगला, रामप्रसाद नगला, आशा की मड़ैया, सबलपुर व जोगराजपुर गांव की फसलें कई दिनों से डूबी हैं। जिससे गन्ने की फसल गलने लगी है। रामप्रसाद नगला के देवेंद्र यादव बताते हैं कि छोटा गन्ने में कई दिनों से पानी भरा होने से किल्ले गलने लगे हैं और नए कल्ले नहीं लगेंगे, जिससे गन्ने का उत्पादन कम हो जाएगा। माखन नगला के गेंदनलाल यादव बताते हैं कि कम दिनों की गन्ने की फसल खराब होने लगी है। तेज धूप में खेत में भरा पानी गर्म होने से कल्ले गलने लगे हैं। यदि बाढ़ का पानी न निकला तो गन्ने की फसल खराब हो जाएगी।