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हनुमान जन्मोत्सव पर प्राचीन हनुमान गढ़ी में पूजन व भंडारा भोज

संवाद सहयोगी कायमगंज हनुमान जन्मोत्सव पर ग्राम मुड़ौल स्थित प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर में बजरंग बली प्रतिमा की भव्य श्रृंगार पूजा के साथ विशाल भंडारा भोज हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 10:56 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:12 AM (IST)
हनुमान जन्मोत्सव पर प्राचीन हनुमान गढ़ी में पूजन व भंडारा भोज
हनुमान जन्मोत्सव पर प्राचीन हनुमान गढ़ी में पूजन व भंडारा भोज

फोटो संख्या : 20, 21 व 22

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संवाद सहयोगी, कायमगंज : हनुमान जन्मोत्सव पर ग्राम मुड़ौल स्थित प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर में बजरंगबली प्रतिमा की भव्य श्रृंगार पूजा के साथ भंडारा हुआ।

गुरुवार को श्रीरामचरितमानस का अखंड पाठ शुरू हुआ। तभी से वहां संतों के विशाल समागम के साथ श्रद्धालुओं का आवागमन प्रारंभ हो गया। शुक्रवार को सुबह श्रृंगार पूजा हुई। पूरे दिन नगर व आसपास के गांवों से भक्तों का आवागमन जारी रहा। मंदिर कमेटी की ओर से नगर के शिवाला भवन से हनुमान गढ़ी तक निश्शुल्क वाहन सेवा रही। देर रात तक चले विशाल भंडारा भोज में लाइटिग व आकर्षक सजावट रही। हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। पवन गुप्ता, सुधाकर दुबे, मनोज कौशल, सुधीर गुप्ता, दीपकराज अरोरा, नरेंद्र गुप्ता गुड्डू, मुकेश दुबे, हेमंत अरोरा, अवनीश चतुर्वेदी सहित अनेक धर्म प्रेमियों का सराहनीय योगदान रहा। शिवालय मंदिर में बजरंग बली की विशाल प्रतिमा के समक्ष यज्ञ पूजन हुआ। शोभा यात्रा में वानर सेना की हुंकार

कायमगंज : हनुमान जन्मोत्सव पर हिदू जागरण मंच के तत्वावधान में शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में हुंकार भरती वानर सेना की टोली, राम दरबार व भारत माता की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। गमा देवी मंदिर से पूजन कर शुरू हुई शोभायात्रा में श्रद्धालुजन जय श्रीराम व जय बजरंग बली का उद्घोष करते चल रहे थे। हिजामं अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना के नेतृत्व में निकली शोभायात्रा नगर भ्रमण के बाद हनुमान गढ़ी में संपन्न हुई। शोभायात्रा में अनूप चौबे, मनू रस्तोगी, पंकज गुप्ता, जितेंद्र चौहान, सनी, रवि बाथम, किशन कौशल आदि मौजूद रहे। हनुमान पर राजनीतिक प्रपंच अनुचित

कायमगंज : विश्व बंधु परिषद की गोष्ठी में कहा गया कि सर्व पूज्य देवता हनुमान को जातीय दायरों में लाकर राजनीतिक प्रपंच करना भारतीय संस्कृति का अपमान है। वह ऋषि कुल की संतान, ग्यारहवें रुद्र अवतार व धर्म संस्कृति के रक्षक हैं। जो कार्य भगवान श्रीराम न कर सके, वह कार्य पवन पुत्र ने सहजता से कर दिए। गोष्ठी में प्रो. रामबाबू मिश्रा, गीतकार पवन बाथम, अहिवरन सिंह गौर, वीएस तिवारी, जेपी दुबे आदि ने विचार व्यक्त किए।


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