दो दर्जन घरों की गृहस्थियां राख
- हवा का साथ मिलने पर ¨चगारी बनी शोला - दो घंटे की मशक्कत के बाद काबू में आई आग जागरण संवाददाता,
- हवा का साथ मिलने पर ¨चगारी बनी शोला
- दो घंटे की मशक्कत के बाद काबू में आई आग
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अज्ञात कारणों से उठी ¨चगारी को हवा का साथ मिला तो वह शोला बन गई। देखते ही देखते लगभग एक दर्जन झोपड़ियों को आग ने लपेटे में ले लिया। इन झोपड़ियों में रहने वाले दो दर्जन परिवारों की गृहस्थी खाक हो गई। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हर परिवार का 20 से 25 हजार रुपये का नुकसान हुआ है।
शहर कोतवाली क्षेत्र के सोताबहादुरपुर में शुक्रवार शाम तकरीबन पांच बजे आग लग गई। तेज हवा चलने के कारण कुछ ही देर में लपटों ने झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। दरअसल अधिकतर लोग यहां कच्ची दीवारों के सहारे छप्पर डालकर रहते हैं। आग लगने की जानकारी पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए। आग बुझाने के लिए आसपास के घरों में लगे चार सबमर्सिबल पंपों का सहारा लिया गया। इसी बीच फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंच गई। दो बड़े और एक छोटे वाहन के जरिए आग को काबू में करने की कोशिश होती रही, लेकिन तेज हवा चलने के कारण स्थिति बिगड़ गई। इसी बीच आग की लपटों की चपेट में आकर बिजली की केबिल भी जल गई, तो विद्युत आपूर्ति बंद हो गई। ऐसे में सबमर्सिबल पंप से आग बुझाने की कोशिशें भी रुक गईं। घटना की जानकारी पाकर लेखपाल, पांचालघाट चौकी प्रभारी और प्रधान पति भी मौके पर पहुंच गए। लगभग दो घंटे बाद आग को काबू में किया जा सका। प्रधानपति का कहना है कि हर परिवार में वर्तन, कपड़े और अनाज जल गया है। लेखपाल ने बताया कि सूची तैयार कर ली गई है। शनिवार को इसका सत्यापन करने के बाद मुआवजा दिया जाएगा।
पानी का पाइप अग्निशमन कर्मियों से छीना
आग की विभीषिका से बचने के लिए लोगों ने अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों से पाइप छीन लिया। अपने-अपने आशियानों को बचाने की कवायद करने लगे। इसको लेकर कई बार ग्रामीणों में आपस में ही तीखी नोकझोंक भी हुई। कुछ ऐसा ही हाल तब भी हुआ, जब लेखपाल अग्निपीड़ितों के नाम नोट कर रहे थे।
इनके आशियाने हुए खाक
भूरे और यूसुफ पुत्रगण जिलानी, फुरकान पुत्र हारून, तालिब पुत्र रामबाबू, कमल हसन पुत्र भूरे, मिट्ठू और अफजल पुत्रगण बाबू खां, मेंहदी हसन, शामीर, अनवर, खातूनजादी, अजरुद्दीन, रज्जाक, शमशाद, पप्पू, चंदाबाबू, शारून, खुर्शीद और मुनीश के आशियाने आग में जलकर खाक हो गए।