लेखपाल और बीएलओ के तबादलों पर आयोग से रोक
- एक जनवरी 2019 तक 18 वर्ष पूरे करने वाले बनेंगे वोटर - 31 अक्टूबर तक चलेगा मतदाता पुनरीक्षण्
- एक जनवरी 2019 तक 18 वर्ष पूरे करने वाले बनेंगे वोटर
- 31 अक्टूबर तक चलेगा मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के मद्देनजर निर्वाचन आयोग की ओर से प्रक्रिया से जुड़े सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण पर रोक लगा दी गई है। अति आवश्यक होने पर आयोग से अनुमति लेकर तबादले किए जा सकते हैं। नई वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन चार जनवरी को होगा। तब यह आदेश प्रभावी रहेंगे। यह आदेश लेखपाल और बीएलओ ड्यूटी में लगे कर्मचारियों पर भी लागू रहेगा।
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को वोटर लिस्ट का अनंतिम प्रकाशन किया जा चुका है। 31 अक्टूबर तक दावे व आपत्तियां प्राप्त कीं जाएंगी। दावे आपत्तियों का निस्तारण कर चार जनवरी 2019 के वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा। इस दौरान 9 व 23 सितंबर और 7, 14 व 28 अक्टूबर को विशेष अभियान चलाएगा। राजनीतिक दलों, शैक्षिक संस्थाओं व सामाजिक संगठनों से भी इसमें सहयोग लिया जाएगा। एक जनवरी 2019 तक 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले नए वोटरों के अलावा छूटे हुए मतदाताओं को भी वोटर लिस्ट में शामिल किया जाएगा। इस बार एम-3 मॉडल ईवीएम का होगा उपयोग
डीएम मोनिका रानी ने बताया कि लोकसभा चुनाव में इस बार एम-थ्री मॉडल की ईवीएम का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों को भी लगाया जाएगा। इससे निकलने वाली पर्ची पर मतदाता देख सकेंगे कि उसका वोट किस पार्टी या प्रत्याशी के पक्ष में गया है। वीवीपैट की कार्य प्रणाली के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए स्वीप जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे। ऑनलाइन आवेदन की भी है व्यवस्था
मतदाता पुनरीक्षण के दौरान इच्छुक आवेदक अपने दावे व आपत्तियां ऑनलाइन भी निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं। इसमें वोटर बनने के लिए फॉर्म छह, नाम हटाने या कटवाने के लिए फॉर्म सात, नाम-पते की गलती है तो उसे ठीक कराने के लिए फॉर्म आठ और एक विधानसभा क्षेत्र से दूसरे में नाम बदलवाने को फॉर्म आठ-क भरना होगा।