Move to Jagran APP

विलुप्त होने के कगार पर कुम्हारी कला

जागरण टीम फर्रुखाबाद मोहम्मदाबाद विकास खंड का गांव संकिसा बौद्ध धर्म के लिए ही नहीं बल्कि कुम्हारी कला के लिये भी अपना विशिष्ट स्थान रखता है। गांव के मिट्टी के बर्तन दूर-दूर से लोग लेने अभी भी आते हैं। इसके बावजूद कुम्हारी कला में लगे परिवारों की सुधि न तो प्रशासन ने ली और न मौजूद जन प्रतिनिधियों ने। इस गांव की कुम्हारी कला अब दम तोड़ती नजर आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 06:09 AM (IST)
विलुप्त होने के कगार पर कुम्हारी कला
विलुप्त होने के कगार पर कुम्हारी कला

संवाद सूत्र, संकिसा : मोहम्मदाबाद विकास खंड का गांव संकिसा बौद्ध धर्म के साथ कुम्हारी कला के लिए भी जिले में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। गांव के मिट्टी के बर्तन दूर-दूर से लोग लेने अभी भी आते हैं। इसके बावजूद कुम्हारीकला में लगे परिवारों की सुधि न तो प्रशासन ने ली और न मौजूद जन प्रतिनिधियों ने। इस गांव की कुम्हारी कला अब दम तोड़ती नजर आ रही है।

loksabha election banner

कुम्हारी कला के लिए इन लोगों को मिट्टी आदि के लिए तहसील स्तर से पट्टा नहीं दिया गया है। जब इनको मिट्टी ही नहीं मिलेगी तो यह घड़े, मटकी, गागर और दिए कैसे बना पाएंगे। संकिसा की गागर और दूध गर्म करने की हंडिया अपना एक अलग ही स्थान रखती है। क्षेत्र और दूरदराज की महिलाएं आज भी हंडिया खरीदने को संकिसा ही आती हैं। यहां के प्रजापति समाज की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। किसी समय इस गांव में घुसते ही तमाम लोग चाक पर बर्तन बनाते हुए मिल जाते थे, अब बाजार में इन बर्तनों की बिक्री भी कम है। संकिसा में कभी इस व्यवसाय में सैकड़ों लोग कुम्हारी कला से अपने परिवार का भरण पोषण करते थे, जो अब कुछ परिवार तक ही सीमित रह गया है। संकिसा निवासी रामप्रकाश प्रजापति ने बताया कि अब बर्तन बनाने के लिए कुम्हारी मिट्टी 1100 रुपये ट्रॉली मोल लेनी पड़ती है। उनके समाज को गांव स्तर या तहसील स्तर से कोई पट्टा नहीं दिया गया है। उनके पास तो रहने के लिए भी जगह नहीं है। अगर ब्लाक से बिजली से चलने वाली चाक ही मिल जाए तो काफी सहूलियत मिल जाएगी। पहले बर्तन बनाने का काम हमारे समाज के सभी लोग करते थे, पर अब कुम्हारी मिट्टी के अभाव में यह काम केवल चार-पांच परिवारों तक ही सीमित रह गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.