आइटीआइ के मैदान पर पुलिस का अतिक्रमण
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद अवैध रूप से कब्जा हटवाने की जिम्मेदारी जिन पर है वही कब्जा क
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अवैध रूप से कब्जा हटवाने की जिम्मेदारी जिन पर है, वही कब्जा कर रहे हैं तो सुनवाई कैसे हों। मामला पुलिस के अतिक्रमण का है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) में पुलिस चौकी के लिए दो कमरे दिया जाना अब मुसीबत बन गया है। क्योंकि आइटीआइ परिसर में पुलिस द्वारा खड़े कराए गए सैकड़ों वाहनों से प्रशिक्षणार्थियों और शिक्षकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारीभरकम वाहनों के प्रवेश करने से मुख्यद्वार के नाले पर जाल तक कई सालों से धंसा पड़ा है। प्रशिक्षण कक्षों के आसपास वाहनों के खड़े होने से आने-जाने में भी दिक्कत हो रही है। जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री के आदेश व प्राचार्य द्वारा कई बार पत्र दिए जाने के बावजूद कब्जा हट नहीं पा रहा है।
आइटीआइ परिसर में बंद हुए छात्रों के हॉस्टल के दो कमरे कई साल पहले आइटीआइ पुलिस चौकी खोले जाने के लिए दिए गए थे। हॉस्टल के पास ही मोटर मैकेनिक, ट्रैक्टर मैकेनिक व एग्रीकल्चर ट्रेड के कक्ष बने हैं। मौजूदा समय में परिसर के अधिकतर हिस्से में पुलिस द्वारा पकड़े गए लावारिश, मुकदमाती, एक्सीडेंटल व अन्य मामलों में सीज किए गए सैकड़ों वाहन खड़े हैं। दस टायर वाले ट्रक से लेकर चार बसें और दो-तीन ट्रकों के साथ ही टेंपो, ई-रिक्शा व कई दोपहिया वाहन खड़े हैं। करीब डेढ़ साल पहले नए भवन का उद्घघाटन करने आए पूर्व प्रभारी मंत्री चेतन चौहान ने कबाड़ वाहनों को देख पुलिस अफसरों से हटवाने के आदेश दिए थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
आइटीआइ में घुसते हैं तो लगता है कि किसी कबाड़खाने में आ गए हैं। आने-जाने में भी दिक्कत होती है। परिसर से वाहनों को हटाकर किसी दूसरी जगह खड़ा करवाना चाहिए।
- दीपक शाक्य, छात्र।
परिसर में पुलिस द्वारा पकड़े गए सैकड़ों वाहन खड़ा होने से चारों ओर गंदगी रहती है। प्रशिक्षण कक्षों के बाहर कबाड़ वाहन खड़े होने से पढ़ाई का वातावरण भी नहीं लगता है।
- मोहित कुमार, छात्र।
पुलिस चौकी के लिए दो ही कमरे दिए थे, लेकिन धीरे-धीरे पुलिस ने पूरे परिसर में पकड़े जाने वाले वाहनों को खड़ा करना शुरू कर दिया। दो-तीन बार एसपी को पत्र लिखकर अतिक्रमण हटवाने की मांग कर चुके हैं।
- उमेश तनेजा, प्राचार्य आइटीआइ।