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पर्यावरण और सेहत को नुकसान पहुंचाते पटाखे

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : दीपों के इस त्योहार को पूरे उल्लास के साथ मनाएं। मिठाई खिलाक

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 11:14 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 11:14 PM (IST)
पर्यावरण और सेहत को नुकसान पहुंचाते पटाखे

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : दीपों के इस त्योहार को पूरे उल्लास के साथ मनाएं। मिठाई खिलाकर एक-दूसरे के साथ त्योहार की खुशियां बांटे। जरूरी नहीं है कि पटाखे जलाकर ही इस त्योहार को मनाया जाए। क्योंकि पटाखे पर्यावरण और सेहत दोनों के लिए ही नुकसानदायक हैं। यदि पटाखे जलाएं भी तो कम आवाज वाले। तेज आवाज वाले पटाखों से खतरा अधिक रहता है। बच्चों को अपनी निगरानी में खुले मैदान में पटाखे जलाने दें। इस दौरान बच्चों को सूती और टाइट कपड़े पहने हों। अस्थमा के मरीज ऐसे स्थानों पर रहें जहां धुएं का प्रभाव न हो। यदि हो तो फेशमास्क लगा लगा लें। उक्त सलाह डा. राम मनोहर लोहिया जिला चिकित्सालय के आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी डा. अभिषेक चतुर्वेदी ने दिए। मंगलवार को वह जागरण कार्यालय में प्रश्न प्रहर के तहत लोगों की शंका का समाधान कर रहे थे। इस दौरान उनसे जिले भर से लोगों ने आतिशबाजी से होने वाले नुकसान के बारे में सलाह ली। प्रश्न : यदि किसी अस्थमा है तो वह क्या सावधानी बरतें। - तृप्ति रंजन, नवाबगंज।

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सलाह : दीपावली पर शाम के वक्त अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति ऐसी जगह पर रहें, जहां धुएं का प्रभाव कम हो। यदि किसी मजबूरी में ऐसी जगह नहीं रह पाते हैं तो बाजार में इन दिनों फेश माश्क भी मिल रहे हैं। उसे जरूर पहनें। तो भी दिक्कत हो अपने चिकित्सक से जरूर सलाह लेकर दवा लें। प्रश्न : पटाखे फोड़ते वक्त यदि आंखों में बारूद चली जाए तो क्या करें। - विवेक राजपूत, देवसनी, फर्रुखाबाद।

सलाह : आंखों तो तत्काल साफ और ठंडे पानी से छींटे मारकर धोएं। दिक्कत दूर न हो तो तत्काल निकटतम नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। प्रश्न : आतिशबाजी चलाते वक्त कौन सी दवाएं ऐहितियात के तौर पर घर में रखें। - संजय गर्ग, फर्रुखाबाद, ¨प्रस चौहान अमृतपुर।

सलाह : घर में सिल्वर सल्फा सैलाजीन मलहम रखें। यदि कोई पटाखे से जल जाए तो तत्काल उसे ठंडे पानी से धोएं और उक्त मलहम को लगा दें। यदि ज्यादा गंभीर घाव है तो तत्काल अस्पताल जाएं। प्रश्न : पटाखा चलाते वक्त यदि छोटे बच्चे हादसे का शिकार हो जाएं तो क्या करें। - दिवाकर नंदर दुबे, बढ़पुर।

सलाह : यदि बच्चा हल्का झुलसा है तो प्रभावित अंग को साफ ढंडे पानी से धोएं। मलहम लगा दें। यदि आराम न मिले तो तत्काल एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचे। प्रश्न : पटाखे जलाते वक्त क्या-क्या सावधानी बरती जाएं। - रजनीश राना, कुइंयाधीर, शिवम पाल, नवाबगंज।

सलाह : पटाखे खुली और सुरक्षित जगह पर जलाएं। ज्यादा तेज आवाज वाले पटाखे न चलाएं। इस दौरान सूती कपड़े पहनें। प्रश्न : पटाखा से यदि कोई घायल हो जाए तो क्या करें। - रिषभ दीक्षित, गढ़ी असरफ अली, फर्रुखाबाद।

सलाह : घटना की प्रकृति पर निर्भर करेगा। मामूली रूप से जख्मी हुए हैं तो घाव को साफ पानी से धोकर मलहम या एंटीसेप्टिक क्रीम आदि लगा दें। यदि गंभीर घायल हैं तो तत्काल एंबुलेंस से पास के अस्पताल पहुंचे। प्रश्न : पटाखा की तेज आवाज से कान सुन्न पड़ जाता है, तब क्या करें। - मनोज कुमार, आवास विकास।

सलाह : ऐसी स्थिति में कुछ देर के लिए शांति वाले इलाके में चले जाएं। कुछ देर बाद आपको आराम महसूस होगा। जहां तेज आवाज वाले पटाखे चलाए जा रहे हों, पहले तो वहां जाने से ही परहेज करें। प्रश्न : क्या बच्चे फुलझड़ी चला सकते हैं।- पवन दुबे, मोहम्मदाबाद।

सलाह : फुलझड़ी में तेज रोशनी होती है। यह आंखों पर घातक चमक डालती है। प्रयास करें कि वह इनका कम से कम प्रयोग करें। रंगीन रोशनी छोड़ने वाली फुलझड़ी ज्यादा नुकसानदायक है।


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