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बुखार से 'तप' रहे जिले को पैरासिटामॉल की दरकार

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिले का शायद ही कोई गांव या मोहल्ला हो यहां 15-20 लोग बुखार

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 10:30 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 10:30 PM (IST)
बुखार से 'तप' रहे जिले को पैरासिटामॉल की दरकार

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिले का शायद ही कोई गांव या मोहल्ला हो यहां 15-20 लोग बुखार से पीड़ित न हों। निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों में मरीजों की इस कदर भरमार है कि हर जगह वार्ड फुल चल रहे हैं। जब पूरा जिला बुखार से 'तप' रहा है, उस जिले के सबसे बड़े अस्पताल में बुखार के लिए सबसे महत्वपूर्ण दवा पैरासिटामॉल की दरकार है। लोहिया अस्पताल में दूसरी दवा ट्रामाडॉल से काम चलाया जा रहा है। इस दवा का जो स्टाक है, वह भी कुछ ही दिन के लिए है।

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बदलते मौसम और बाढ़ के प्रभाव के कारण पूरे जिले में बुखार फैला है। यह बुखार लोगों की जान तक पर भारी पड़ रहा है। पूरे जिले में अब तक तकरीबन 26 लोगों की जान जा चुकी है, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी से निपटने के लिए कोई भी प्रभावी रणनीति तैयार नहीं की है। ग्रामीण इलाकों के सरकारी अस्पतालों की छोड़िए जिला मुख्यालय पर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में तक पैरासिटामॉल दवा नहीं है। यहां कुल एक लाख गोली ट्रामाडॉल है। इस दवा में पैरासिटामॉल के साथ दर्द की भी दवा है। हालांकि चिकित्सक वायरल फीवर में प्लेन पैरासिटामॉल देने की ही संस्तुति करते हैं। फार्मासिस्ट के हवाले अस्पताल

जिले में स्वास्थ्य सेवाएं कैसी होंगी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 104 अस्पताल चिकित्सक विहीन हैं। जिले में कुल 130 अस्पताल हैं। इसके सापेक्ष चिकित्सा विभाग में कुल 37 चिकित्सकों की तैनाती हैं। इसमें नौ चिकित्सकों पर प्रशासनिक जिम्मेदारी है। इसमें सीएमओ, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ शामिल हैं। चार चिकित्सक काफी समय से अवकाश पर हैं। ऐसे में कुल 24 चिकित्सक ही इलाज की व्यवस्था देख रहे हैं। इनमें भी चिकित्सकों को कोर्ट आदि के काम भी निपटाने पड़ते हैं। पर्याप्त दवा होने का दावा

मुख्य चिकित्साधिकारी अरुण कुमार उपाध्याय का दावा है कि विभाग के पास पर्याप्त दवा है। 35 हजार पैरासिटमॉल थी। जिसमें जरूरत के मुताबिक सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा गया है। जल्द ही विभाग को और भी दवा मिल जाएगी। लोहिया अस्पताल में पैरासिटामॉल टेबलेट न होने पर सीएमएस डा. राजेश तिवारी ने बताया कि आर्डर दिया जा चुका है। शीघ्र ही स्टाक आ जाएगा। तब तक ट्रामाडॉल से इलाज किया जा रहा है।


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