जांच के पेच में जेब ढीली कर रहे ऑनलाइन आवेदक
आय जाति व मूल निवास प्रमाणपत्र तहसील से जारी होते हैं जबकि जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र नगरपालिका जारी करती है। इनके आवेदन ऑनलाइन हो रहे हैं। सरकार ने भले ही प्रमाणपत्र जारी करने की समयसीमा तय कर रखी है लेकिन हकीकत यह है कि आवेदकों से वसूली पहले से अधिक बढ़ गई है। जिससे आवेदकों को चक्कर काटने पड़ते हैं। कुछ लोकवाणी व जनवाणी केंद्र संचालक ही प्रमाणपत्र जारी कराने का ठेका ले लेते हैं।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : आय, जाति व मूल निवास प्रमाणपत्र तहसील से जारी होते हैं, जबकि जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र नगरपालिका जारी करती है। इनके आवेदन ऑनलाइन हो रहे हैं। सरकार ने भले ही प्रमाणपत्र जारी करने की समयसीमा तय कर रखी है, लेकिन हकीकत यह है कि आवेदकों से वसूली पहले से अधिक बढ़ गई है। इससे आवेदकों को चक्कर काटने पड़ते हैं। कुछ लोकवाणी व जनवाणी केंद्र संचालक ही प्रमाणपत्र जारी कराने का ठेका ले लेते हैं।
आवेदनपत्र ऑनलाइन कराने के लिए 15 रुपये तक फीस ली जा सकती है। जबकि तहसील सदर में ही 100 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। जो लोग प्रमाणपत्र की जांच में लगने वाली धनराशि लोकवाणी केंद्रों पर ही जमा कर देते हैं, उन्हें लेखपालों द्वारा लगाए गए चेलों के पास नहीं भटकना पड़ता। सर्वाधिक खेल आय प्रमाणपत्र में होता है। अधिक आय लिख देने पर आवेदक को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता। इससे आवेदक कम आय लिखाने के लिए मांग पूरी करते हैं। जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र आवेदन ऑनलाइन होने के बाद सफाई नायक जांच करते हैं। उन्हें भी सुविधा शुल्क देना पड़ता है। एक प्रमाणपत्र लेने पर 300 से 400 रुपये तक का खर्च आता है। तहसीलदार सदर प्रमोद कुमार ने बताया कि लेखपालों को जांच में पारदर्शिता बरतने का निर्देश दिया गया है। यदि शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी। तहसील सदर में 1 मई 4 मई तक आए आवेदनों का विवरण
आवेदन - स्वीकृत - अस्वीकृत - लंबित
जाति प्रमाणपत्र - 2496 - 1470 - 292 - 734
आय प्रमाणपत्र - 3723 - 2318 - 276 - 1129
जन्म प्रमाणपत्र - 17 - 01 - 00 - 16
मृत्यु प्रमाणपत्र - 08 - 00 - 00 - 08
निवास प्रमाणपत्र - 2294 - 1172 - 212 - 910