छात्राएं रहतीं अवकाश पर फिर भी खाद्यान्न का उपभोग पूरा
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में पंजीकृत छात्राओं के नाम पर मिल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में पंजीकृत छात्राओं के नाम पर मिलने वाले खाद्यान्न में गोलमाल किया जा रहा है। इसके बाद भी अफसर आंखें मूंदे बैठे हैं। हकीकत यह है कि छात्राएं लंबी छुट्टंी पर होती हैं, लेकिन उनके खाद्यान्न का उपयोग लिस्ट में शामिल होता है। सवाल यह है कि आखिर पंजीकृत छात्राओं का खाद्यान्न किसके 'पेट' में जा रहा है। इसकी पोल तो खंड शिक्षाधिकारी के निरीक्षण में खुलकर सामने आ चुकी है, लेकिन इस खेल में विभाग के कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं इससे पर्दा जांच के बाद ही उठ पाएगा।
जिले में पांच कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में खाद्यान्न व अन्य सामग्री की आपूर्ति उपयोग व भुगतान में होने वाले घपले का मामला 'दैनिक जागरण' द्वारा लगातार उठाया गया। शुक्रवार को खंड शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण में यह बात सच साबित हुई। कायमगंज कस्तूरबा के साथ कमोवेश अन्य विद्यालयों में भी कुछ ऐसे ही हालात रहते हैं, लेकिन खाद्यान्न सामग्री, सिलिंडर व अन्य सामान के मांग पत्र में अनुपस्थित रहने वाली छात्राओं को नजरअंदाज कर पूरे माह के सामान का मांग पत्र भेज दिया जाता।
अब सत्यापन के बाद ही भुगतान
बीएसए राम¨सह ने कस्तूरबा विद्यालयों में जनपद के खाद्यान्न आपूर्ति को क्रय आदेश जारी कर दिया। ठेकेदार को आपूर्ति के एक दिन पहले वार्डन को सूचना देनी होगी। वार्डन द्वारा निगरानी समिति के अध्यक्ष तहसीलदार, बीडीओ, बीईओ व एसएमसी को सूचना दी जाएगी। निर्धारित समय पर समिति के सदस्य विद्यालय पहुंचकर क्रय आदेश, सामान की गुणवत्ता देखकर तौल कराएंगे। बिलों को भी समिति सत्यापित करेगी।