अब आयुष्मान में 'खेल' पकड़ेगी बायोमैट्रिक मशीन, आदेश जारी
आयुष्मान भारत योजना के तहत चयनित निजी अस्पतालों में फर्जी तरीके से मरीजों को भर्ती दिखाकर रुपये निकालने के खेल को रोकने के लिए शासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को बायोमीट्रिक मशीन से हाजरी लगानी पड़ेगी। तभी साबित होगा कि भर्ती कर उनका इलाज किया गया है। अन्यथा मरीज को भर्ती नहीं माना जाएगा।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : आयुष्मान भारत योजना के तहत चयनित निजी अस्पतालों में फर्जी तरीके से मरीजों को भर्ती दिखाकर रुपये निकालने के खेल अब नहीं चलेगा। अब निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को बायोमैट्रिक मशीन से हाजिरी लगानी पड़ेगी। तभी साबित होगा कि मरीज का इलाज किया गया है। अन्यथा मरीज को भर्ती नहीं माना जाएगा। इसके लिए शासन ने निर्देश जारी कर दिए हैं।
आयुष्मान भारत योजना में गरीबों के निश्शुल्क इलाज के लिए पांच लाख रुपये का बीमा किया गया है। जिले में नौ निजी अस्पताल चिह्नित किए गए। इससे गरीबों को बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन फर्जी तरीके से मरीजों को भर्ती कर खेल करने की आशंका पर शासन ने गंभीरता दिखाई है। निजी अस्पतालों में भर्ती होने से पूर्व मरीजों का फिगर प्रिट लिया जाएगा। भर्ती रहने तक प्रतिदिन बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा लगवाकर मरीजों की हाजिरी लगवाई जाएगी। इससे पता चल सके कि मरीज अस्पताल में कितने दिन तक भर्ती रहा। अस्पताल से छुट्टी के दौरान मरीज के फिगर प्रिट लिए जाएंगे। अगर मरीज की हाजिरी नहीं लगाई गई, तो संबंधित नर्सिंग होम संचालक का भुगतान नहीं हो सकेगा। आयुष्मान भारत के जिला प्रोग्राम मैनेजर डॉ. अमित मिश्रा ने बताया कि चिह्नित किए गए नर्सिंग होम में आयुष्मान मित्र के काउंटर पर बायोमैट्रिक मशीन लगाई गई हैं। यहां मरीजों के फिगर प्रिट लेकर हाजिरी ली जाएगी। - 33,000 बनाए गए अभी तक गोल्डन कार्ड
- 580 मरीज करा चुके हैं निजी व सरकारी अस्पतालों में इलाज योजना में चयनित नर्सिंग होम
माया हास्पिटल, द केयर नर्सिंग होम, डिवाइन ईएनटी, तिवारी नर्सिंग होम, एसएम अस्पताल, लाइफ लाइन नर्सिंग होम, केपी सिंह अस्पताल, बाबू सिंह जय सिंह मेडिकल कॉलेज, दास नर्सिंग होम।