न अलाव जले न ही खुले रैन बसेरे, ठिठुर रहे गरीब
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : लगातार पारा गिरने से दिनोंदिन ठंड बढ़ रही है। रात में रेल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : लगातार पारा गिरने से दिनोंदिन ठंड बढ़ रही है। रात में रेलवे व बस स्टेशन के बाहर रिक्शों पर ही गरीब सो जाते हैं। स्टेशन पर तो खुले आसमान के नीचे कम कपड़ों में लोग रात गुजारते दिखते हैं। इसके बावजूद अभी नगर पालिका व राजस्व कर्मियों ने सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं की। रैन बसेरे भी नहीं बनाए गए।
नगर पालिका परिषद शहर में करीब 100 स्थानों पर अलाव जलवाती है। राजस्व कर्मी भी अलाव जलाते हैं। इस वर्ष सर्दी बढ़ने के बावजूद अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई। पिछले वर्ष नगरपालिका ने अपने टाउनहाल स्थित कार्यालय एवं रोडवेज बस स्टेशन पर रैन बसेरा बनाया था। जिसमें गरीबों के लिए रजाई-गद्दे की व्यवस्था की गई थी। इस बार अभी रैन बसेरे भी नहीं बने। विदित है कि शहर में रेलवे व रोडवेज बस स्टेशनों के सामने रिक्शा चालक रोजी-रोटी की तलाश में 24 घंटे खड़े होते हैं। यह लोग खुले आसमान के नीचे ही रात गुजारने मजबूर हैं। इसके अलावा दूर-दराज से मजदूरी करने शहर आने वाले गरीब भी रेलवे स्टेशन के बाहर कम कपड़ों में ठिठुरते नजर आते हैं। ठंड से बचने को चालक आखिरकार रिक्शे पर ही सिकुड़कर लेट जाते। इसके बावजूद प्रशासन की इन गरीबों पर अब तक नजर नहीं पहुंची। नगरपालिका के अलाव प्रभारी विनय ने बताया कि उन्होंने चार स्थानों पर अलाव जलवाना शुरू कर दिया है। वरिष्ठ अधिकारियों का आदेश मिलने पर अन्य स्थानों पर भी अलाव की व्यवस्था की जाएगी।