नागा संतों ने यात्रा निकाल किया स्नान
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा से निकली शोभायात्रा में डमरू नागफनी चिमटा व ढोल नगाड़ों की धुन के साथ ही हर-हर गंगे जय-जय शिवशंकर के जयकारों की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो गया। यात्रा में शामिल नागा साधुसंतों के हैरतअंगेज करतब देख लोग दंग रह गए। मौनी अमावस्या पर स्नान कर साधुसंतो ने गंगा मइया के साथ ही पालकी पर सवार ठाकुर जी की मूर्तियों का पूजन किया। इस दौरान कल्पवासियों ने भी गंगा स्नान कर पुण्य कमाया।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा से निकली शोभायात्रा में डमरू, नागफनी, चिमटा व ढोल नगाड़ों की धुन के साथ ही हर-हर गंगे, जय-जय शिवशंकर के जयकारों की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो गया। यात्रा में शामिल नागा साधुसंतों के हैरतअंगेज करतब देख लोग दंग रह गए। मौनी अमावस्या पर स्नान कर साधुसंतों ने गंगा मइया के साथ ही पालकी पर सवार ठाकुर जी की मूर्तियों का पूजन किया। इस दौरान कल्पवासियों ने भी गंगा स्नान कर पुण्य कमाया।
मौनी पूर्णिमा पर शुक्रवार को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा से शोभायात्रा प्रारंभ हुई। शोभायात्रा में सबसे आगे श्रद्धालु ठाकुर जी महाराज की पालकी लेकर चल रहे थे। उसके पीछे चल रहे नागा साधुसंत डमरू, चिमटा, नागफनी व शंख बजाते हुए चल रहे थे। मुख्यमार्गों पर नागा संतों ने तलबारबाजी व लट्ठबाजी के हैरतअंगेज करतब दिखाए तो लोग दंग रह गए। शोभायात्रा मुख्यमार्गों से होते हुए सातवीं सीढ़ी स्थित गंगातट पर पहुंची, जहां नागा साधुसंतों ने शाही स्नान किया। इस अवसर पर सत्यगिरि महाराज, सागरपुरी, कौशलगिरि, शमशान गिरि, फक्कड़पुरी, कोतवाल सुरेश गिरि, मंगलगिरि आदि नागा साधुसंत मौजूद रहे। वहीं मौनी अमावस्या पर हुए शाही स्नान में शाहजहांपुर, हरदोई, मैनपुरी, इटावा व कासगंज आदि जिलों से आए श्रद्धालुओं ने भी हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ गंगा में डुबकी लगाई। गंगातटों पर सत्यनारायण की कथा व मुंडन संस्कार भी होते रहे। कई लोगों ने नावों पर बैठकर गंगा मइया को साड़ी की पहनावन पहनाई। शाही स्नान को लेकर पांचाल घाट पुल के दोनों ओर के साथ ही साथ गंगातटों पर भी पुलिसबल तैनात रहा। मेला में भी जमकर भीड़भाड़ रही। गंगा स्नान करने आए श्रद्धालुओं ने मेला का भी लुत्फ उठाया।