मुस्लिम परिवार रामलीला में पुतला बनाना मानता अपना धर्म
संवाद सूत्र कमालगंज विजय दशहरा पर्व कस्बे के एक मुस्लिम परिवार के लिए जीविको पार्जन का जरिया भी है। इस परिवार की दो पीढि़यां बीते 73 वर्ष से रावण मेघनाथ कुंभकर्ण के पुतले बनाती आ रही हैं। कस्बे के अलावा जिले की अधिकांश रामलीलाओं में दशहरा पर्व पर इनके बनाए हुए पुतलों का ही दहन किया जाता है।
संवाद सूत्र, कमालगंज : विजय दशहरा पर्व कस्बे के एक मुस्लिम परिवार के लिए जीविकोपार्जन का जरिया भी है। इस परिवार की दो पीढि़यां बीते 73 वर्ष से रावण, मेघनाथ, कुंभकर्ण के पुतले बनाती आ रही हैं। कस्बे के अलावा जिले की अधिकांश रामलीलाओं में दशहरा पर्व पर इनके बनाए हुए पुतलों का ही दहन किया जाता है।
कस्बे के मोहल्ला शास्त्री नगर निवासी 95 वर्षीय अख्तर हुसैन दशहरा पर्व पर रावण, मेघनाथ, कुंभकर्ण के पुतले बनाते हैं। यह इनका पुश्तैनी काम है। परिवार की दूसरी पीढ़ी बीते 70 साल से पुतले बनाती आ रही हैं। अख्तर हुसैन बताते हैं कि सत्तर वर्ष पूर्व दशहरा पर्व के लिए रावण, मेघनाथ, कुंभकर्ण के पुतले बनाने शुरू किए थे। शादियों की आतिशबाजी बनाते बनाते इस हुनर को सीखा और इसे परिवार की रोजी-रोजी का जरिया बनाया। अख्तर हुसैन ने बताया कि बुढ़ापे के कारण अब शरीर काम नहीं करता है तो भतीजे अशरफ हुसैन को हुनर दे दिया और वह पुतले बनाने लगे। अशरफ ने बताया कि पहले पिता सफदर हुसैन व चाचा अख्तर हुसैन पुतले बनाने का काम करते थे। उनका परिवार बीते कई दशक से पुतले बना रहा है। रामलीला के पुतले बनाना वह अपना धर्म भी मानते हैं। इस बार 32 फुट का होगा रावण
कमालगंज : चारपाई पर लेटे 95 वर्षीय अख्तर हुसैन ने बताया कि हमेशा 27 या 28 फुट का रावण का पुतला बनता था, पर इस बार पुतले बनाने के सत्तर साल पूरे होने पर रावण के पुतले की लंबाई 32 फुट, मेघनाथ 28 और कुंभकर्ण 26 फुट के रहेंगे। महिलाएं और बच्चे बंटाते हैं हाथ
रामलीलाओं से पुतले बनाने का आर्डर करीब दो माह पहले मिल जाता है। ऐसे में पूरा परिवार रावण, मेघनाथ, कुंभकर्ण के पुतले बनाने में जुटता है। परिवार की महिलाएं और बच्चे भी पूरी शिद्दत से बड़ों का हाथ बंटा कर पुतले बनवाने में जुटते हैं। इस बार उन्हें 12 पुतले बनाने हैं।