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लोहिया अस्पताल में मोबाइल की रोशनी में लगे टीके

लोहिया अस्पताल परिसर में अंडरग्राउंड बिजली केबिल में हुए फाल्ट के बाद दूसरे दिन भी अस्पताल की ओपीडी की बिजली सप्लाई शुरू नहीं हो सकी। जिससे मोबाइल की रोशनी में मरीजों को देखा गया। बिजली न आने से सीटी स्कैन आपरेशन और खून की जांच भी नहीं हो सकी। जिससे मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 06:04 AM (IST)
लोहिया अस्पताल में मोबाइल की रोशनी में लगे टीके
लोहिया अस्पताल में मोबाइल की रोशनी में लगे टीके

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : लोहिया अस्पताल परिसर में अंडरग्राउंड बिजली केबल में हुए फाल्ट के बाद दूसरे दिन भी अस्पताल की ओपीडी की बिजली आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी। इससे मोबाइल की रोशनी में मरीजों को देखा गया साथ ही सीटी स्कैन, ऑपरेशन और खून की जांच भी नहीं हो सकी, जिससे मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा।

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रविवार रात अंडरग्राउंड बिछाए गए बिजली केबल में अधिक लोड होने से फाल्ट हो गया था। जिससे पूरी लाइन ठप हो गई। सोमवार को गड्ढा खुदवाकर जला बिजली केबल निकाला गया। फिर भी फाल्ट दुरुस्त नहीं हुआ तो मंगलवार को दूसरी जगह खोदाई की गई। वहां भी जला हुआ केबल निकला। हालांकि आपातकालीन कक्ष और वार्डो में बिजली की सप्लाई शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी तक ओपीडी और महिला अस्पताल की बिजली सप्लाई शुरू नहीं हो सकी। बिजली न आने से अंधेरा होने पर जनरल सर्जन डॉ. इमरान अली ने मोबाइल की रोशनी में मरीजों को देखा। वहीं मोबाइल की रोशनी में ही मरीजों को खाना दिया गया और बच्चों के टीके लगाए गए। बिजली न आने से न तो सीटी स्कैन हो सके और न ही खून की जांच। आपरेशन न होने से मरीज निराश होकर लौट गए। मैनुअल तरीके बनाए गए मरीजों के पर्चे

लोहिया अस्पताल की ओपीडी में ऑनलाइन कंप्यूटरीकृत भी बनना बंद हो गए। सोमवार को इनवर्टर से पर्चे बनाए गए, लेकिन मंगलवार को इनवर्टर भी जबाव दे गया। जिसके चलते हाथ से पर्चे बनाए गए। 100 यूनिट खून खराब होने का खतरा

लोहिया अस्पताल की ब्लड बैंक में लगभग 100 से अधिक यूनिट विभिन्न ग्रुप का रक्त स्टोर है। ब्लड बैंक की पैथालॉजिस्ट स्वास्ति बाजपेयी के अनुसार रक्त को दो से आठ डिग्री सेंटीग्रेट पर रखा जाता है। आठ डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक तापमान पर यह खराब हो जाता है। 12 से 18 घंटे तक डीप फ्रीजर का तापमान मेंटेन रहता है। इससे अधिक समय तक बिजली न मिलने पर तापमान निर्धारित टेंप्रेचर रेंज से अधिक हो सकता है और इससे फ्रीजर में स्टोर ब्लड खराब होने की आंशका बन सकती है। उन्होंने बताया कि विद्युत संबंधित काम होने पर दिन में ब्लड बैंक व इमरजेंसी कक्ष और वार्ड की बिजली सप्लाई बंद कर दी जाती है। हालांकि शाम पांच बिजली सप्लाई शुरू कर दी जाती है। नए सिरे से डाला जाएगा केबल

मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि नए सिरे से बिजली केबल डालने के लिए उन्होंने कानपुर मंडल के अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के टेक्नोलॉजिस्ट को पत्र लिखा गया है। उन्होंने ठेकेदार को भी पत्र लिखकर आदेशित कर दिया है। ताकि नए सिरे से बिजली केबल डाला जा सके। सीएमएस ने बताया कि दो दिन में बिजली सप्लाई शुरू होने की संभावना है। ये सेवाएं रहीं बाधित

खून की जांच

अल्ट्रासांउड

एक्सरे

सीटी स्कैन

ऑपरेशन


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