भ्रष्टाचार में बर्खास्त महिला वार्डनों की ढाल बने विधायक जी
गंभीर वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितताओं में बर्खास्त पांचों कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की वार्डन के पक्ष में सोमवार को भाजपा विधायक अमर सिंह खटिक खुल कर उतर आए। ओरोपित वार्डनों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे माननीय ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि वह स्वयं सरकार का अंग हैं। इनके साथ अन्याय हुआ है। वह इन्हें न्याय दिलाएंगे। दोबारा जांच कराएंगे। जांच में खुद भी मौजूद रहेंगे।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गंभीर वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितताओं में बर्खास्त पांचों कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की वार्डन के पक्ष में सोमवार को भाजपा विधायक अमर सिंह खटिक खुल कर उतर आए। आरोपित वार्डनों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे विधायक ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि वह स्वयं सरकार का अंग हैं। इनके साथ अन्याय हुआ है। वह इन्हें न्याय दिलाएंगे। दोबारा जांच कराएंगे। जांच में खुद भी मौजूद रहेंगे।
लगभग दो माह तक चली विस्तृत जांच में गंभीर किस्म की वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितताओं के सामने आने बाद विगत गुरुवार को डीएम के आदेश पर बीएसए ने जनपद में स्थित पांचों कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की वार्डनों व एक लेखाकार की संविदा समाप्त करते हुए बर्खास्त कर दिया था। डीएम ने अग्रिम कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट विशेष वाहक के माध्यम से राज्य परियोजना निदेशक को भी प्राप्त करा दी थी। हालांकि 'दैनिक जागरण' में समाचार छपने के बाद से ही वार्डन अपने विद्यालयों से चली गईं। खंड शिक्षा अधिकारी बर्खास्तगी आदेश प्राप्त कराने को वार्डनों को तलाशते फिर रहे है। इसी बीच बर्खास्त वार्डन सोमवार को कायमगंज विधायक अमर सिंह खटिक के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचीं। विधायक ने मामले में जिलाधिकारी मोनिका रानी से भेंट कर मामले में दोबारा जांच कराए जाने की मांग की। कलेक्ट्रेट में पत्रकारों से वार्ता के दौरान विधायक ने कहा कि वार्डनों पर लगे आरोप गलत हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र में नवाबगंज, कायमगंज व शमसाबाद के तीन विद्यालय आते हैं। वह अक्सर बा-विद्यालयों में जाकर देखते रहे हैं। वह मामले में दोबारा जांच कराएंगे और जांच के दौरान खुद मौजूद रहेंगे। वार्डनों पर यह हैं आरोप
- छात्राओं को वार्डन द्वारा विद्यालय के बाहर भेजा जाता था।
- हॉस्टल में रहने वाली किशोरियों के वीडियो व फोटो खींचे जाते थे।
- छात्रावास में किशोरियों को वार्डन 'उल्टी-सीधी' बातें सिखाती थीं।
- बा-विद्यालयों में छात्राओं का मानसिक उत्पीड़न भी किया जाता था।
- बालिकाओं के लिए कायदे के बिस्तर, रजाई, गद्दे, फर्नीचर तक नहीं उपलब्ध कराए।
- खाद्य सामग्री और भवन रखरखाव के नाम पर लाखों रुपये का गोलमाल किया गया।
- छात्राओं के लिए आने वाले बजट के सापेक्ष महंगी दर पर घटिया खाद्य सामग्री की खरीद हुई।
- बजट खर्च करने के बावजूद बच्चियों को दैनिक उपयोग के सामान जैसे पेस्ट, साबुन तक नहीं दिए।