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खातों की आधार लिकिग में फंसी प्रवासियों की मनरेगा मजदूरी

परदेस से लौटे लोगों को गांव में मनरेगा से काम तो मिल गया लेकिन अधिकांश की मजदूरी खातों की आधार लिकिग के पेंच में उलझी है। खाते आधार से लिक न होने के चलते जनपद के 646 फंड ट्रांसफर आर्डर बैंक से रिजेक्ट हो गए हैं। वहीं 42 एफटीओ बैंकों के पास लंबित हैं। हालांकि जिन श्रमिकों के खाते आधार से लिक हो गए हैं उनके खातों में पैसा जाने लगा है। चकरोड के अलावा तालाबों की खोदाई का काम भी तेजी से चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 06:03 AM (IST)
खातों की आधार लिकिग में फंसी प्रवासियों की मनरेगा मजदूरी
खातों की आधार लिकिग में फंसी प्रवासियों की मनरेगा मजदूरी

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : परदेस से लौटे लोगों को गांव में मनरेगा से काम तो मिल गया, लेकिन अधिकांश की मजदूरी खातों की आधार लिकिग के पेंच में उलझी है। खाते आधार से लिक न होने के चलते जनपद के 646 फंड ट्रांसफर आर्डर बैंक से रिजेक्ट हो गए हैं। वहीं 42 एफटीओ बैंकों के पास लंबित हैं। हालांकि जिन श्रमिकों के खाते आधार से लिक हो गए हैं, उनके खातों में पैसा जाने लगा है। चकरोड के अलावा तालाबों की खोदाई का काम भी तेजी से चल रहा है।

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नवाबगंज ब्लॉक की 70 ग्राम पंचायतों में मनरेगा द्वारा चकरोड, तालाब, नाला आदि की खोदाई का काम चल रहा है। ग्राम पंचायत सिरमौरा बांगर में मनरेगा द्वारा 70 मजदूरों को कार्य में लगाया गया। जिनसे गांव के एक तालाब में उगी जलकुंभी को बाहर निकालकर सफाई व दूसरे तालाब की खोदाई शुरू किया गया। गांव में बन रहे नाले की खोदाई का कार्य भी मनरेगा योजना से कराया जा रहा है। दूसरे प्रांतों से लौटे 15 लोगों को मनरेगा योजना में कार्य भी प्राथमिकता से दिया गया। शमसाबाद में 96 ग्राम पंचायतों में चार हजार प्रवासी श्रमिकों को कार्य मनरेगा में दिया गया है। अगले सप्ताह तीन हजार और प्रवासी श्रमिकों को कार्य दे दिया जाएगा। बाहर से प्रवासी श्रमिकों में से अधिकांश को काम मिल गया है। शीघ्र ही पौधरोपण का कार्य शुरू होगा। कुछ श्रमिकों के खाते में पैसा नहीं पहुंच रहा था, उसको भी सही कराकर उनके खाते में ही पैसा भेजा जा रहा है। अमलैया आशानंद के सदानंद, सुरेश व श्यामवीर ने बताया कि मनरेगा के तहत सड़क पर मिट्टी डाली थी, अभी तक खाते में रुपया नहीं आया है।

एपीओ असाम सिंह ने बताया कि सभी भुगतान आधार से लिक खातों में भेजा जा रहा है। कई श्रमिकों के खाते निष्क्रिय पड़े हैं, कई के खाते लिक्ड न होने के चलते भुगतान बैंक सर्वर से बाउंस हो जाता है। जो श्रमिक खाते सही करा रहे हैं, उनके खातों में पैसा भेजा जा रहा है। नहीं शुरू हो सके ऑनलाइन मस्टररोल

अभी एप के ऑनलाइन हाजिरी नहीं हो रही है। 47 रोजगार सेवकों के मोबाइल में अपलोड करा दिया गया है, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते अभी सेवा शुरू नहीं हो पाई है। वहीं ग्राम पंचायत अमलैया आशानंद में दिल्ली नोएडा से आए प्रवासी श्रमिक वीरपाल व मुकेश ने बताया कि गांव में 25 लोग आए हैं। अभी तक उन लोगों को मनरेगा में कार्य नहीं मिला और न ही जॉब कार्ड बने हैं। उनके पास राशन कार्ड भी नहीं हैं। प्रधान कुलदीप ने बताया कि बाहर से आए प्रवासी श्रमिकों के जॉब कार्ड के लिए सचिव को कागज दे दिए गए हैं, लेकिन अभी तक जॉब कार्ड नहीं बने हैं। उनके पास राशन कार्ड न होने के बारे में अधिकारियों को बता दिया गया है।


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