मलेरिया विभाग के पास नहीं हैं इनसेक्ट कलेक्टर
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद जिला मलेरिया विभाग के पास इनसेक्ट कलेक्टर (मच्छर पकड़ने वाली
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिला मलेरिया विभाग के पास इनसेक्ट कलेक्टर (मच्छर पकड़ने वाली टीम) ही नहीं हैं, जिस कारण दस वर्षो से मच्छर नहीं पकड़े जा सके हैं। मच्छरों के न पकड़ने से उनका घनत्व यानी मच्छरों की संख्या कितनी है। इसकी जानकारी नहीं हो पा रही। इंटोमोलाजिस्ट के न होने से मच्छरों की प्रजाति की भी जानकारी नहीं हो पाती। अगर मच्छर पकड़ने वाली टीम होती तो मच्छरों का सफाया करने में आसानी होती।
वर्ष 1970 की आबादी के हिसाब से मलेरिया विभाग में कर्मचारियों के पद सृजित किए गए थे। इसके बाद से अभी तक कर्मचारियों के पद नहीं बढ़ाए गए। जब कि जनपद की आबादी 20 लाख हो चुकी है। दोनों पद चल रहे खाली
दस वर्ष पूर्व इनसेट कलेक्टर के सेवानिवृत्त होने पर अब दोनों पद खाली चल रहे हैं। विभागीय कर्मचारियों के मुताबिक जिन क्षेत्रों में लोग बुखार से घिरे होते हैं, वहां पर इनसेक्ट कलेक्टर मच्छरों को पकड़ते हैं और मच्छरों का घनत्व देखते हैं। इसके बाद मच्छरों का सफाया किया जाता है, लेकिन इनसेक्ट कलेक्टर के न होने पर मच्छरों को पकड़ा नहीं जा सका है। इसके अलावा विभाग के पास पर्याप्त कर्मचारी भी नहीं हैं। इसलिए विभागीय टीम को कार्य करने में दिक्कत होती है। जिला मलेरिया अधिकारी सुजाता ठाकुर ने बताया कि इनसेक्ट कलेक्टर के न होने की जानकारी शासन को अवगत कराई जा चुकी है। विभाग में पर्याप्त कर्मचारी भी नहीं हैं। ऐसे पकड़े जाते हैं मच्छर
अंधेरा होने के बाद जहां मच्छर होने की संभावना होती है, वहां रोशनी की जाती है। रोशनी में मच्छर उड़ता नहीं है। इसके बाद टेस्ट ट्यूब का मुंह मच्छर के सामने कर उसमें तेजी से हवा खींचते हैं। इससे एक बार में चार-पांच मच्छर आ जाते हैं। कर्मचारियों की तैनाती पर एक नजर
नाम - सृजित पद - तैनाती
इनसेक्ट कलेक्टर - 02 - 00
फील्ड वर्कर - 26 - 10
सुपीरियर फील्ड वर्कर -04 - 00