Food Poisoning: फर्रुखाबाद में भागवत कथा के बाद बांटा गया खीर-पंचामृत, प्रसाद खाकर बिगड़ी पूरे गांव की हालत
यूपी के फर्रूखाबाद में बुधवार देर शाम श्रीमद्भगवत कथा के भंडारे में खीर-पंचामृत का प्रसाद बांटा गया। जिसे पूरे गांव के लोगों ने खाया। कुछ देर बाद ही पूरे गांव को चक्कर और उल्टियां शुरु हो गई। आननफानन में 70 से ज्यादा मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता। Food Poisoning In Farrukhabad नवाबगंज के गांव नगला चंदेला में सार्वजनिक श्रीमद्भगवत कथा का आयोजन किया गया था। बुधवार को गोवर्धन लीला का प्रसंग सुनाया गया था। उसके बाद देर शाम को भंडारे का आयोजन किया गया।
भंडारे में खीर और पंचामृत का वितरण किया गया। गांव के करीब पांच सौ लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। रात करीब 11.30 बजे भंडारे का प्रसाद खाने वाले लोगों की तबियत बिगड़ने लगी। सभी को उल्टी आने लगीं और चक्कर आने लगे। आनन-फानन पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई।
गंभीर रूप से बीमार 83 लोगों को रात में लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया। इस दौरान गांव में अनहोनी की आशंका से अफरा-तफरी मची रही। देर शाम को कई घरों से बनाकर लाए गए पंचामृत और खीर-पूड़ी को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया था। रात करीब 11.30 बजे के बाद लोगों की हालत बिगड़ने लगी। इसमें महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक थी।
बड़ी तादात में बीमार लोगों को गांव के ही झोलाछाप के यहां इलाज किया गया। हालत में कोई सुधार न होने पर लोगों ने एंबुलेंस सेवा में फोन किया। एंबुलेंस के जरिए मरीज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरौन पहुंचे। वहां ताला पड़ा देख मरीजों को डा. राममनोहर लोहिया अस्पताल लाया गया। देर रात तीन बजे तक 83 लोगों को डा. राममनोहर लोहिया अस्पताल लाया गया। अचानक बड़ी संख्या में आए मरीजों को देख लोहिया अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।
आकस्मिक सेवा में तैनात डा. किरीटी कनौजिया, अमिताभ चौहान फार्मासिस्ट के साथ इलाज करने में जुटे। उसके बाद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. राजकुमार गुप्ता अस्पताल पहुंचे और उन्होंने डा. कैलाश दुल्हानी, डा. कृष्ण कुमार, डा. वहीदुल हक को भी बुला लिया, लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण यह लोग भी कम पड़ गए। उसके बाद जिलाधिकारी संजय कुमार निर्देश पर आसपास के निजी चिकित्सकों को भी बुला लिया गया। गांव के प्रधान बिक्कू यादव ने बताया कि गांव में करीब 250 लोगों की तबियत खराब हुई थी। कुछ लोग अन्य अस्पतालों में भी इलाज करवा रहे हैं तो कुछ घरों पर ही हैं।
सीएमओ का नहीं उठा फोन
जिस वक्त डा. राममनोहर लोहिया अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ को देख अफरा-तफरी का माहौल था। उस वक्त लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. राजकुमार गुप्ता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अवनींद्र कुमार को फोन लगाते रहे। कई बार रिंग जाने के बावजूद उनका फोन नहीं उठा। उसके बाद मामले की जानकारी जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को दी गई। उनकी फटकार के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अवनींद्र कुमार ने बताया कि चिकित्सकों की टीम गांव भेजी जा रही है। वह स्वयं भी गांव पहुंच रहे हैं।