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रशीदापुर में आठ लाख से बना नाला पहली बरसात में धराशाई

संवाद सूत्र कमालगंज ग्राम पंचायतों में बंदरबांट का खेल रोके नहीं रुक रहा है। चार माह प

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 11:23 PM (IST)
रशीदापुर में आठ लाख से बना नाला पहली बरसात में धराशाई
रशीदापुर में आठ लाख से बना नाला पहली बरसात में धराशाई

संवाद सूत्र, कमालगंज : ग्राम पंचायतों में बंदरबांट का खेल रोके नहीं रुक रहा है। चार माह पूर्व ग्राम पंचायत रशीदापुर में मनरेगा से आठ लाख की लागत से फरवरी में बनवाया गया नाला पहली बरसात भी न झेल सका और धराशाई हो गया

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ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत रशीदपुर में चार माह पूर्व छविनाथ के खेत से तालाब तक लगभग डेढ़ सौ मीटर लंबा नाला ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा से करीब आठ लाख की लागत से बनवाया गया था। इस नाले का निर्माण गांव के ही रहने वाले एक भाजपा पदाधिकारी ने फरवरी माह में कराया था। गुरुवार रात तेज हवा के साथ हुई बारिश से करीब तीस मीटर नाला ढह गया। ग्रामीणों ने बताया कि छविनाथ के खेत से रामदुलारे के खेत तक बना नाला पानी बरसने से गिर गया।

खंड विकास अधिकारी राजेश बघेल ने बताया कि नाला गिरने की उन्हें जानकारी नहीं है। शनिवार को टीम भेजकर जांच कराई जाएगी, यदि मामला सही पाया गया तो निर्माण करने वाली संस्था से इसे उसी धनराशि में दोबारा बनवाया जाएगा। जलभराव से कीचड़ व गंदे पानी से निकले लोग संवाद सूत्र, नवाबगंज : सुबह से हो रही रिमझिम बरसात से मुख्य मार्गों पर जलभराव की स्थित बन गई। लोगों को गंदे पानी व कीचड़ में घुसकर निकलना पड़ा।

नवाबगंज नगर पंचायत से जुड़े गांवों के तालाबों पर लोगो द्वारा अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया गया है। जिससे घरों के पानी का ठहराव न होने से कस्बा में जलभराव की समस्या बनी है। शुक्रवार सुबह से रुक रुक कर हो रही लगातार बरसात से मुख्य बाजार मार्ग, गांव पुराना गनीपुर जाने वाले मार्ग, गांव बरतल मार्ग, डाकघर वाली गली, शिव मंदिर वाली गली, मंझना रोड़ से गांव बरतल जाने बाले मार्ग, बबना तिराहे से सीएचसी जाने वाले मुख्य मार्ग सहित अन्य गलियों में जलभराव हो गया। जिससे लोगों को गंदे पानी व कीचड़ में घुसकर निकलना पड़ा।

तालाबों को कब्जों से मुक्त कराने को लेकर लोगों द्वारा लगातार शिकायतें होने के बाद भी राजस्व कर्मियों की हीलाहवाली से अतिक्रमण हटाना तो दूर आज तक तालाब की जगह की नापजोख कर चिन्हित किए जाने का भी कार्य नहीं किया गया। लोगों ने तालाबों को कब्जामुक्त कराए जाने की मांग की है।


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