सौ फीसद वितरण तो जलायी किताबें कहां से आईं
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : भंडार गृह में जलाई गईं किताबों की जांच भले ही कर ली गई हो, ले
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : भंडार गृह में जलाई गईं किताबों की जांच भले ही कर ली गई हो, लेकिन पूरी किताबों के वितरण के बाद भी जलाने के लिए किताबें कहां से आईं, इसका जवाब नहीं मिल सका है। दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में छात्रों को सभी 2.20 लाख किताबों का वितरण बताया है।
परिषदीय विद्यालयों में निश्शुल्क पुस्तक वितरण को लेकर कई वर्षों से खेल होता रहा है। जानकारों के मुताबिक मनचाहे विद्यालयों में जमे रहने के लिए शिक्षक फर्जी छात्र दिखाते हैं। जिसे सही मानकर बेसिक शिक्षा अधिकारी पाठ्य पुस्तकों के लिए क्रय आदेश जारी करते हैं। इसके बाद आपूर्ति होने वाली पुस्तकों का सौ फीसद वितरण दिखाना विभागीय अधिकारियों व शिक्षकों की मजबूरी होती है। बचने के लिए भंडार प्रभारी इनका निस्तारण कभी कबाड़ी को बेचकर या चोरी छिपे जलाकर करते हैं। हाल ही में किताबों के भंडार गृह नरेंद्र सरीन विद्यालय में आठ दिनों तक किताबों को जलाया जाता रहा। मामला मीडिया में आने पर अधिकारियों ने जांच के नाम पर लीपापोती कर दी। जांच में यह कहीं नहीं आया कि जलाई किताबें कहां से आईं।
विगत वर्ष प्राप्त किताबों का विवरण
स्कूल - संख्या - छात्र संख्या
परिषदीय प्राथमिक विद्यालय - 1290 - 147103
परिषदीय जूनियर विद्यालय - 565 - 39695
अनुदानित प्राथमिक विद्यालय - 13 - 893
अनुदानित जूनियर विद्यालय - 50 - 12617
राजकीय विद्यालय - 05 - 1208
माध्यमिक अनुदानित विद्यालय - 63 - 17619
अनुदानित मदरसा प्राइमरी - 01 - 197
अनुदानित मदरसा जूनियर - 01 - 375
कस्तूरबा विद्यालय - 05 - 500
कुल - 1993 - 220207 '' किताबें जलाने के मामले में कार्रवाई की जा चुकी है। पुस्तक वितरण व्यवस्था की भी अलग से जांच कराई जाएगी। यदि कोई गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई की जाएगी। ''
- मोनिका रानी, जिलाधिकारी