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आठ माह से सूखी पड़ीं घरों की टोटियां, हैंडपंप पर लगती लाइन

गर्मी लोगों को बेहाल कर रही है। इससे राहत को ठंडा पानी ही सहारा है लेकिन शहर से सटी ग्राम पंचायत अमेठी कोहना में पानी की सप्लाई आठ माह से बंद है। लोग प्रधान की चौखट पर चक्कर काटकर परेशान हो चुके हैं। पानी के लिए महिलाओं को हैंडपंप पर कतार में खड़े होकर भरी दोपहरी में नंबर लगाना पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 07:41 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 07:41 PM (IST)
आठ माह से सूखी पड़ीं घरों की टोटियां, हैंडपंप पर लगती लाइन
आठ माह से सूखी पड़ीं घरों की टोटियां, हैंडपंप पर लगती लाइन

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गर्मी लोगों को बेहाल कर रही है। इससे राहत को ठंडा पानी ही सहारा है, लेकिन शहर से सटी ग्राम पंचायत अमेठी कोहना में पानी की सप्लाई आठ माह से बंद है। लोग प्रधान की चौखट पर चक्कर काटकर परेशान हो चुके हैं। पानी के लिए महिलाओं को हैंडपंप पर कतार में खड़े होकर भरी दोपहरी में नंबर लगाना पड़ता है।

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बढ़पुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत अमेठी कोहना में ग्रामीण पेयजल योजना के तहत पानी की टंकी गंगा किनारे गांव धीमरपुरा में बनी है। दोनों गांव के लोगों ने कनेक्शन ले रखे हैं। घरों में पानी की टोटियां लगी हैं, लेकिन आठ माह से नलकूप की पंप खराब है। उसकी मरम्मत नहीं हो सकी। गर्मी बढ़ने से पानी की आवश्यकता बढ़ी और अब हैंडपंपों पर महिलाओं को भरी दोपहरी में लाइन लगानी पड़ रही है। पानी के इंतजार में बाल्टी लिए खड़ीं नैना देवी, उर्मिला, रामेश्वरी, सुधा आदि महिलाओं ने बताया कि वह लोग ग्राम प्रधान से फरियाद करके थक चुकी हैं, लेकिन आठ माह बाद भी पानी की समस्या हल नहीं हो सकी। सर्दी में तो इसका आभास नहीं हुआ, लेकिन गर्मी काटे नहीं कट रही। अखिलेश पांडेय ने बताया कि समस्या गंभीर है। जिम्मेदारों को इस पर ध्यान देना चाहिए। शिवरतन अग्निहोत्री ने बताया कि ग्राम प्रधान को पहले ही ध्यान देना चाहिए था। गर्मी में पानी के लिए पूरा गांव परेशान है। नियमों से बंधे हैं हम

ग्राम प्रधान विमला देवी के प्रतिनिधि देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया वह भी नियमों से बंधे हैं। पेयजल योजना की खराबी का इस्टीमेट जलनिगम की इटावा निर्माण शाखा से बनता है। इस्टीमेट आने में कई माह लग गए। अब दुकानों पर सामान नहीं मिल रहा है। इसी वजह से समस्या हल होने में समय लग रहा है। बोले जिम्मेदार

''अमेठी कोहना की खराब पंप को दुरुस्त कराने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की है। उन्होंने इस्टीमेट मांगा था। एक माह पहले ही इस्टीमेट दे दिया गया था। हो सकता है कि लॉकडाउन के कारण उन्हें अभी उपकरण न मिल रहे हों, जिससे पेयजल आपूर्ति नहीं हो सकी।

- सुनील कुमार तिवारी, अधिशासी अभियंता, जलनिगम।


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