अस्पताल के बिजलीघर की नब्ज पर एमडी की नजर
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : लोहिया अस्पताल को 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति को बनाया गया बिजल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : लोहिया अस्पताल को 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति को बनाया गया बिजलीघर 14 माह से ठप पड़ा है। 33केवी लाइन का अधिक दूरी का इस्टीमेट बनाकर लाखों का गबन करने की शिकायत पर शासन से जांच के आदेश दिए गए। अब किसी तरह बिजलीघर चालू करने के लिए विद्युत अधिकारी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
वर्ष 2015-16 में लोहिया अस्पताल में लगभग सवा दो करोड़ की लागत से एक एमवीए क्षमता का बिजलीघर का निर्माण कराया गया। जनवरी 2017 में चालू हुआ बिजलीघर छह माह भी नहीं चल पाया। जुलाई में एक ईट भट्ठे के लिए जेसीबी से मिट्टी खनन के दौरान 10 फिट गहराई में पड़ी 33केवी लाइन की दोनों केबिलें कट गई। इस मामले में विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और भट्ठा मालिक से एक केबिल की मरम्मत कराकर मामला रफादफा कर दिया गया। जुलाई से यह उपकेंद्र पूरी तरह ठप पड़ा है। इसके बाद लाइन ठीक कराने को 12 लाख का इस्टीमेट स्वीकृत करा लिया गया। बिजली विभाग व अस्पताल प्रशासन के पेंच में कई बार प्रयास के बावजूद अब तक बिजलीघर चालू नहीं हो सका।
डेढ़ किमी की लाइन पर निकाला 3.5 किमी का भुगतान
इस बीच मिशन कंपाउंड नेकपुर कला निवासी विजय कटियार ने निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री से कर दी। जिसमें कहा कि 33केवी लाइन की दूरी एस्टीमेट में 3.5 किमी दिखाई गई, जबकि मौके पर डेढ़ किमी ही लाइन बनाकर विद्युत अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन का गबन कर लिया गया। इस पर शासन से जांच शुरू कर दी गई। इसको लेकर खौफजदा अधिकारी किसी तरह बिजलीघर चालू कराने की कवायद में जुट गए हैं। क्या कहते हैं जिम्मेदार
मेरे कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व ही निर्माण कार्य पूरा हो चुका था। निर्माण में घपले की शिकायत पर शासन से जांच के आदेश दिए गए हैं। 33केवी लाइन की दूरी लगभग दो किमी नापी गई है। फर्म को इतनी दूरी की लाइन का ही भुगतान किया गया। हालांकि बिजलीघर चालू कराने के लिए प्रबंध निदेशक कार्यालय व मुख्य अभियंता के फोन आ रहे हैं। बुधवार शाम तक बिजलीघर चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है।
पंकज अग्रवाल, अधिशासी अभियंता नगरीय