फर्जी मदरसों से अनुदान व छात्रवृत्ति हड़पने का खेल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : फर्जी मदरसों के नाम पर अनुदान और छात्रवृत्ति हड़पने का खेल लग
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : फर्जी मदरसों के नाम पर अनुदान और छात्रवृत्ति हड़पने का खेल लगातार जारी है। यह स्थिति तब है जबकि तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (डीएमओ) ने करीब एक वर्ष पूर्व ही जिले में करीब दो दर्जन मदरसों को फर्जी ढंग से मान्यता देने का खेल पकड़कर जांच शुरू की थी। इसके बावजूद आज तक कार्रवाई फाइलों में ही दफन है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी व तत्कालीन प्रभारी डीएमओ भारत प्रसाद ने विगत वर्ष करीब दो दर्जन मदरसों को उनके फर्जी हस्ताक्षर से मान्यता देने का मामला पकड़ा था। मामला तत्कालीन सीडीओ के संज्ञान में आया तो जांच शुरू हुई। वक्फ निरीक्षक छोटेलाल को कार्यमुक्त कर दिया गया। एक लिपिक व संविदा कर्मी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। जांच के दौरान ही शाहजहांपुर में तैनात डीएमओ मकरंद प्रसाद को फर्रुखाबाद का अतिरिक्त चार्ज मिल गया। इसके बाद फर्जी मदरसों के संचालकों ने दौड़-भाग कर फाइल दबवा दी। इस दौरान संबंधित लिपिक ने खुदकशी कर ली। संविदा कर्मी अभी भी विभाग में तैनात है। तबसे इन फर्जी मदरसों में अनुदान से लेकर छात्रवृत्ति तक का गोलमाल जारी है।
विकास भवन में बंद घोटाले का जिन्न
विकास भवन के एक कमरे में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के फर्जीवाड़ों का कच्चा चिट्ठा बंद है। तत्कालीन डीएमओ ने इसे सील करा दिया था। इस कमरे और उसमें बंद फाइलों व आलमारियों की सील खुलवाने को जिलाधिकारी ने नगर मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की थी लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी।
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''फर्जी मदरसों की मान्यता प्रत्याहरण की रिपोर्ट पर कार्रवाई की फाइल निदेशालय स्तर पर लंबित है। निदेशालय से आदेश मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
- मकरंद प्रसाद, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी