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बाढ़ के पानी में झोपड़ियां बर्बाद पॉलीथिन के नीचे रहने को मजबूर

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा रामगंगा की बाढ़ का पानी गांवों से उतरने के बाद धार से बेघर

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 10:56 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 10:56 PM (IST)
बाढ़ के पानी में झोपड़ियां बर्बाद  पॉलीथिन के नीचे रहने को मजबूर
बाढ़ के पानी में झोपड़ियां बर्बाद पॉलीथिन के नीचे रहने को मजबूर

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा रामगंगा की बाढ़ का पानी गांवों से उतरने के बाद धार से बेघर हुए ग्रामीणों को आवंटित भूमि पर कब्जा न मिलने से कड़क्का बांध पर पालीथीन के नीचे रहने को मजबूर हैं। बाढ़ से झोपड़ियां टूटकर खराब हो जाने से पीड़ित पालीथीन के नीचे गुजर कर रहे हैं। तीसराम की मड़ैया के ग्रामीणों को एक वर्ष बाद भी भूमि आवंटित नहीं हो सकी। जिससे पीड़ित खेतों में झोपड़ी में गुजर कर रहे हैं। गंगा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर कम हो जाने से 136.20 मीटर पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा में 36906 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 135.40 मीटर पर स्थिर है। खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 4904 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

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गंगा की बाढ़ का पानी भरा रहने से पट्टी भरखा के रतीराम, मदनपाल, विष्णुदयाल, फूलचंद्र, शिवराम, मौजीराम, रामगोपाल व कल्लू की झोपड़ियां टूटकर खराब हो गई हैं।जिससे पीड़ित परिवार सड़क के किनारे पालीथीन के नीचे परिवार सहित गुजर करने को मजबूर हैं। बेघर ग्रामीणों को आवंटित भूमि पर नहीं मिला कब्जा

अहलादपुर भटौली में रामगंगा की धार से शिवरतन, सुधीर, सुनील, अनिल, मनोज, सरोज आदि के घर कट गए। जिससे ग्रामीण बेघर हो गए। एसडीएम ने 17 पीड़ित परिवारों को आवासीय पट्टा आवंटित कर दिए हैं, लेकिन पट्टे की भूमि पर गन्ने की फसल खड़ी है। जिससे बेघर ग्रामीणों को कब्जा नहीं मिल सका है। शिवमंगल व सुखपाल कड़क्का बांध पर पालीथीन के नीचे रहने को मजबूर हैं। तीसराम के पीड़ितों को एक वर्ष बाद भी नहीं मिली भूमि

गत वर्ष आई गंगा की बाढ़ में तीसराम की मड़ैया के अधिकांश ग्रामीणों के घर धार में कट गए थे। जिससे मान¨सह, मिहीलाल, रतीराम, रामऔतार, सूरजपाल आदि बेघर हो गए थे। बेघर ग्रामीणों को एक वर्ष बाद भी भूमि आवंटित नहीं हो सकी। बेघर ग्रामीण खेतों में झोपड़ी डालकर गुजर करने को मजबूर हैं। सूरजपाल बताते हैं कि दूसरे के खेत में झोपड़ी रखकर गुजर कर रहे हैं।

एसडीएम रमेशचंद्र यादव बताते हैं कि तीसराम की मड़ैया के पीड़ितों को भूमि आवंटित की जा रही थी, ग्रामीणों को कई जगह ग्राम समाज की भूमि को दिखाया गया,लेकिन ग्रामीण उक्त भूमि लेने की तैयार ही नहीं हुए। अहलादपुर भटौली के पीड़ितों को आवंटित भूमि से गन्ने की फसल कटवाने को कहा गया है। पीड़ितों को शीघ्र ही कब्जा दिया जायेगा। स्वास्थ्य टीम ने बांटी दवाइयां

स्वास्थ्य टीम ने नाव से पहुंचकर मंझा की मड़ैया में 68 ग्रामीणों को दवाइयां वितरित कीं। डा.कृष्णकांत, प्रशांत कटियार, आशीष शुक्ला व आशुतोष श्रीवास्तव ने दवाइयां दी। गांव में अधिकांश बुखार और खुजली से लोग पीड़ित मिले। ऊगरपुर में डा. पुनीत पांडेय ने 97 ग्रामीणों को दवाइयां वितरित कीं। ग्रामीणों को पीने के पानी में मिलाने को क्लोरीन की गोलियां दी गई।


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