फर्रुखाबाद में टूटी सड़कों की फूटी किस्मत, आए दिन हो रहे हादसे
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : किसी भी शहर के विकास का मानक वहां की सड़कों से गुजर कर
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : किसी भी शहर के विकास का मानक वहां की सड़कों से गुजर कर ही आंका जा सकता है, मगर जिले में सड़कों से गुजरना ही चुनौती है। अधिकांश मुख्य मार्ग टूटे पड़े हैं। गड्ढों में सड़कें दफन होती जा रही हैं। बदहाल सड़कों के प्रति जिम्मेदार कितने संवेदनशील हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाइए कि ढाई साल पहले टेंडर हो गया, लेकिन आज तक बजट का पता नहीं है। जनप्रतिनिधि इस स्थिति पर कितना गंभीर है, यह भी देख लीजिए। दीपावली के दिन भी सांसद ने सड़कों की दशा में शीघ्र सुधार के दावे को तोहफे के रूप में पेश कर दिया। हालांकि, यह गिफ्ट बाक्स खाली ही निकला। सड़कों में सुधार की कोई उम्मीद अभी दिखाई नहीं दे रही है। वजह, इसके लिए मोटी रकम चाहिए।
सर्वाधिक खराब स्थिति बरेली हाईवे की है। अन्य मार्गो की दशा भी बद से बदतर होती जा रही है। गड्ढों की वजह से आए दिन रिक्शा व ई-रिक्शा पलटते हैं, दोपहिया वाहन सवार गिरते हैं और लोग घायल हो जाते हैं। शहर के पक्कापुल, गुदड़ी होते हुए नाला मछरट्टा की सड़क कई वर्षो से टूटी हुई है। नगरपालिका ने ढाई साल पहले इसके निर्माण के लिए टेंडर स्वीकृत किया था, लेकिन बाद में निर्माण लागत बढ़ने का तर्क देकर ठेकेदार ने काम नहीं किया। मदारबाड़ी चौराहा-आइटीआइ मार्ग का निर्माण भी आठ साल पहले हुआ था। यह सड़क भी गुणवत्ता को लेकर काफी विवादित रही। कुछ दिन बाद ही इस पर भी गड्ढे बढ़ गए। टूटी ठंडी सड़क का मुद्दा पिछले दिनों विधानसभा चुनाव में खूब छाया रहा। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने कुछ जगह पै¨चग शुरू की। टुकड़ों में सड़क भी बनाई, लेकिन सड़क पूरी तरह सुधर नहीं पाई। लालगेट पर फव्वारे के निकट भी एक बड़ा गड्ढा कई माह से है, जिसे अभी तक नहीं भरा जा सका।
पालिका अध्यक्ष वत्सला अग्रवाल ने बताया कि बजट के अभाव की वजह से पूर्व में हुए टेंडरों पर काम नहीं हो पाया। बजट मिलते ही शीघ्र इन सड़कों पर काम कराया जाएगा।