किताबी ज्ञान के साथ संस्कार की शिक्षा भी जरूरी
संस्कारवान शिक्षा ही नौनिहालों को काफी ऊंचाइयों तक ले जाती है। इसलिए बच्चों को संस्कारी शिक्षा दिलाना भी काफी महत्वपूर्ण है। बच्चों को अभिभावक शुरू से ही अच्छे संस्कार दें जिससे वह सफल नागरिक बनने के साथ ही साथ अच्छे इंसान भी बन सकें। दैनिक जागरण ने संस्कारशाला के माध्यम से बच्चों को संस्कारित बनाने की पहल शुरू की है। क्रिश्चियन इंटर कॉलेज में गुरुवार को आयोजित संस्कारशाला में छात्रों को संस्कारवान बनने की सलाह प्रधानाचार्य ने दी।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : संस्कारवान शिक्षा ही नौनिहालों को काफी ऊंचाइयों तक ले जाती है, इसलिए बच्चों को संस्कारी शिक्षा दिलाना भी काफी महत्वपूर्ण है। बच्चों को अभिभावक शुरू से ही अच्छे संस्कार दें, जिससे वह सफल नागरिक बनने के साथ ही साथ अच्छे इंसान भी बन सकें। 'दैनिक जागरण' ने संस्कारशाला के माध्यम से बच्चों को संस्कारित बनाने की पहल शुरू की है। क्रिश्चियन इंटर कॉलेज में गुरुवार को आयोजित संस्कार शाला में छात्रों को संस्कारवान बनने की सलाह प्रधानाचार्य अजय मोर भट्ट ने दी।
प्रार्थना सभा के बाद आयोजित संस्कारशाला में प्रधानाचार्य ने अच्छाई की समझ विषय पर बच्चों को कहानी पढ़कर सुनाई। उन्होंने छात्रों को कहानी से मिलने वाली सीख के बारे में बताते हुए इससे जुड़े प्रश्न भी पूछे। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए छात्रों की होड़ लग गई। प्रधानाचार्य ने कक्षा 9 के मोहित कुमार, 12वीं के सौरभ कुमार, 11वीं के गोपाल कुमार और प्रिस कुमार को बुलाकर प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने उत्तर दिया। प्रधानाचार्य ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ किताबी ज्ञान से ही कुछ नहीं होता है, जीवन में संस्कार की शिक्षा बेहद जरूरी है। उन्होंने बच्चों को समझाया कि पढ़ाई के साथ साथ संस्कारी शिक्षा भी जरूर ग्रहण करें, क्योंकि जीवन में संस्कारों का बहुत महत्व होता है। प्रवक्ता प्रभात दीक्षित ने जागरण की संस्कारशाला पहल को सराहते हुए कहा कि इससे बच्चों को संस्कारवान बनने की सीख मिलेगी। बच्चों को संस्कार की पढ़ाई कराना भी बेहद जरूरी है। संतोष दुबे ने कहां की समाज के लिए समय-समय पर जागरण द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस तरह के कार्यक्रम सराहनीय हैं। इस अवसर पर अतुल एंथोनी दास, आलोक दुबे, अमित सिंह, अमित दयाल, अविनाश और गौरव एविल आदि मौजूद रहे।