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'ईक्षा' के इस्तेमाल में शिक्षा विभाग फिसड्डी

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों की शिक्षण गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य शैि

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 11:21 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 11:21 PM (IST)
'ईक्षा' के इस्तेमाल में शिक्षा विभाग फिसड्डी
'ईक्षा' के इस्तेमाल में शिक्षा विभाग फिसड्डी

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों की शिक्षण गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) द्वारा तैयार आनलाइन कक्षा अवलोकन मोबाइल एप दिखावा बनकर रह गई है। अधिकांश सह समन्वयक इससे किनारा कर चुके हैं। जिले में एप से निरीक्षण की प्रगति महज 13 फीसद ही है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने इस पर नाराजगी जताते हुए बीएसए से स्पष्टीकरण मांगा है।

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जिले के सात ब्लाक संसाधन केंद्र पर इस समय 38 सह समन्वयक कार्यरत हैं। इन्हें विद्यालय अनुश्रवण के दौरान मोबाइल एप से कक्षावलोकन करने का निर्देश अगस्त माह में दिया गया था। एप की खासियत ये है कि सह समन्वयक के विद्यालय में पहुंचते ही संबंधित डाटा मोबाइल एप पर खुल जाता है। नामांकन, मिडडे मील व अन्य योजनाओं की स्थिति जानने के अलावा सह समन्वयक को विषय की गुणवत्ता सुधरने के लिए पाठ्य योजना से कोई एक पाठ भी पढ़ाना होता है। इसके बाद छह छात्रों जिनमें तीन बालक व तीन बालिकाएं शामिल होती हैं उनसे प्रश्न-उत्तर किए जाते हैं।

राज्य परियोजना सिस्टम से भी जुड़ाव

जिले के अधिकारियों के साथ एप को राज्य परियोजना सिस्टम से भी जोड़ा गया है। फर्रुखाबाद सहित 35 जिलों में मोबाइल एप से कक्षावलोकन की स्थिति 25 फीसद से भी कम पाई गई। कुछ जिलों में तो यह आंकड़ा शून्य है। इस पर शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर ¨सह ने फर्रुखाबाद सहित अन्य बेसिक शिक्षा अधिकारियों से खराब प्रगति का कारण पूछा है।

पांच सहसमन्वयक ही कर रहे कक्षावलोकन

जिले में 38 सहसमन्वयक हैं लेकिन सिर्फ पांच सह समन्वयक ही मोबाइल से कक्षावलोकन कर रहे थे। तकनीकी दिक्कतों से कई एबीआरसी एप का संचालन नहीं कर पा रहे थे, तो कुछ इस झंझट में ही नहीं पड़ना चाहते।

घर बैठे नहीं हो सकता कक्षावलोकन

एप की एक खासियत ये भी है कि इसमें घर बैठे निरीक्षण रिपोर्ट नहीं भरी जा सकती। विद्यालय की लोकेशन दिखानी होगी। कमालगंज के एबीआरसी वीरेंद्र राजपूत का बताते हैं कि पहले इस एप को आपरेशन डाटा किट (ओडीके) कहा जाता था, अब ईछा एप नाम दिया गया है। यदि ठीक से एक स्कूल का निरीक्षण व आनलाइन कक्षा अवलोकन किया जाए तो तीन घंटे लगते हैं। इसीलिए अब 20 से घटाकर स्कूलों के निरीक्षण की संख्या माह में दस कर दी गयी।

कुछ तकनीकी दिक्कतें आ रही थीं। इसके लिए सीमैट ने 10 से 12 अक्टूबर तक सभी एबीआरसी की ट्रे¨नग करा दी है। अब इसी एप से निरीक्षण होंगे।

सोमवीर ¨सह, प्रभारी बीएसए


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