फर्रुखाबाद में लोहिया महिला अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारी सम्मानित
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने पर लोहिया महिला अस्पत
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : मरीजों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने पर लोहिया महिला अस्पताल को कायाकल्प अवार्ड मिला था। इसके उपलक्ष्य में गुरुवार को चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
गुरुवार दोपहर लोहिया महिला चिकित्सालय में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक डॉ. सरोज बाला ने कहा कि आप लोग और बेहतर काम करें, ताकि प्रदेश में चिकित्सालय का नाम रोशन हो सके और पहला स्थान मिल सके। सीएमओ डॉ. वंदना सिंह ने मनोबल बढ़ाने के लिए चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, टेक्नीशियन, सफाई कर्मचारी समेत 130 लोगों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह दिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए शासन स्तर से कायाकल्प अवार्ड योजना का संचालन किया जा रहा है। सीएमएस डॉ. कैलाश दुल्हानी ने कहा कि सामूहिक सहयोग से ही कार्य बेहतर किया जा सकता है। अस्पताल के स्टाफ ने इसे साबित कर दिखाया है। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सालय डॉ. दलवीर सिंह, प्रोग्राम मैनेजर कंचन बाला आदि मौजूद रहे।
कागजों पर ही लगे आयुष्मान योजना में कार्ड बनाने को कैंप
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को कार्ड जारी करने के लिए 23, 24 व 25 मार्च को तय गांवों में कैंप लगाए जाने थे। स्वास्थ्य विभाग ने लोकवाणी केंद्रों को यह काम सौंपा था। अपर जिलाधिकारी विवेक श्रीवास्तव के आदेश पर गुरुवार को राजस्व कर्मियों से गांव में जांच कराई गई तो पता चला कि कैंप लगाने की औपचारिकता की गई है। कुछ गांव में एक दिन कर्मचारी बैठे, वहीं कई गांव ऐसे हैं जहां कोई गया तक नहीं।
पात्रों को आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने के लिए कार्ड जारी किए जा रहे हैं। लोगों को लोकवाणी केंद्रों पर चक्कर न काटने पड़ें इसके लिए गांवों में कैंप लगाकर कार्ड जारी करने का तीन दिवसीय कार्यक्रम घोषित किया था। गुरुवार को इसका अंतिम दिन था। तहसीलदार सदर ने लेखपालों को गांवों में भेजकर कैंपों की चेकिग कराई तो हकीकत सामने आ गईं। कमालगंज ब्लॉक के 24 गांव में से मात्र आठ गांवों में कर्मचारियों के आने की जानकारी मिली। कहीं 24 मार्च को कर्मचारी गए तो कहीं गुरुवार को। गांव भड़ौसा, जरारी, खुदागंज, कमालगंज, सियापुर, जहानगंज आदि गांव ऐसे हैं जहां कोई गया तक नहीं। जबकि मोहम्मदाबाद ब्लॉक में चिह्नित 24 गांव में से 22 गांव में कर्मचारी एक-एक दिन गए। मात्र लखरौआ ऐसा गांव था जहां तीनों दिन आशा बहू व एक कर्मचारी मौजूद रहे। बढ़पुर ब्लॉक के 29 गांवों में से 21 गांव में एक-एक दिन कर्मचारियों के आने की जानकारी मिली। चार गांव ऐसे थे जहां आशा बहुएं लोकवाणी केंद्र पर जाकर कार्ड बनवाने के लिए लोगों को प्रेरित करती रहीं, गांव में कैंप नहीं लगा। तहसीलदार राजू कुमार ने इस संबंध में एडीएम को रिपोर्ट भेज दी है।