बिना अनुमति बजा डीजे-बैंड तो लगेगा एक लाख जुर्माना
शादी विवाह का मौसम शुरू होते ही प्रशासन का चाबुक चलना शुरू हो गया है। उपजिलाधिकारी सदर ने कहा कि बिना अनुमति के बैंड बाजे व डीजे बजते पाए गए तो सीधे मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। लगातार बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत विगत वर्ष स्थानीय प्रशासन ने इसे रोकने को कुछ सख्ती की थी लेकिन कुछ दिनों बाद लोग भूल गए।
संवाद सूत्र, कमालगंज : शादी विवाह का मौसम शुरू होते ही प्रशासन का चाबुक चलना शुरू हो गया है। बिना अनुमति के बैंड व डीजे बजाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
दिन-ब-दिन बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत विगत वर्ष प्रशासन ने इसे रोकने की सख्ती की थी, लेकिन कुछ डीजे व बाजे बजने लगे। इस बार प्रशासन बिना अनुमति के डीजे, बैंड आदि बजाने वालों पर पूरी तरह से सख्ती करने के मूड में है। उपजिलाधिकारी सदर अमित आसेरी ने बताया कि शीघ्र ही गेस्ट हाउस, बैंड मालिकों, डीजे मालिकों के साथ वार्ता कर उन्हें ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए प्रेरित किया जाएगा। धार्मिक अनुष्ठानों और बरातों में बजने वाले यंत्रों की अनुमति भी जांची जाएगी। अनुमति न मिलने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उल्लंघन पर यह होगी सजा
बिना परमीशन के बैंड व डीजे लगाने पर संबंधित प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। दोषी मिलने पर पांच साल की सजा व एक लाख रुपये जुर्माना तथा उल्लंघन करने के कुल दिनों का पांच हजार रुपये प्रतिदिन। यह कराएंगे मुकदमा दर्ज
संशोधित ध्वनि प्रदूषण (विनियक व नियन्त्रक) नियम के अनुसार पुलिस विभाग के क्षेत्राधिकारी तथा इनके ऊपर के अधिकारी 1986 की पर्यावरण संरक्षण एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत करा सकते हैं। इन धाराओं में दर्ज होगा मुकदमा
आईपीसी की धारा 269, 270, 278, व 290