जलस्तर घटने पर भी ग्रामीणों की हो रही मुश्किलें
संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा व रामगंगा के जलस्तर में कमी आने के बाद भी तटवर्ती गांव के लोगों
संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा व रामगंगा के जलस्तर में कमी आने के बाद भी तटवर्ती गांव के लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रामगंगा की धार से कटान होने की आशंका में ग्रामीण भयभीत हैं। गंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर घटकर 136.55 मीटर पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा में 122173 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर घटकर 135.85 मीटर पर पहुंच गया है। खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 53418 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे रामगंगा के जलस्तर में वृद्धि होने की आशंका बढ़ गई है।
गंगा का जलस्तर कम होने के बावजूद तटवर्ती गांव के बा¨शदों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गंगा की बाढ़ का पानी सुंदरपुर, भुड़रा, भुड्डन की मड़ैया, सैदापुर, उदयपुर, कंचनपुर, तीसराम की मड़ैया, आशा की मड़ैया, रामप्रसाद नगला, इमादपुर, जोगराजपुर, रामपुर, माखन नगला, जटपुरा कैलियाई, करनपुर घाट, कुडरी सारंगपुर गांव में भरा है। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं। झोपड़ियों में भरा भूसा सड़ गया है और खेतों में बाढ़ का पानी भर गया है। जिससे ग्रामीणों के सामने मवेशियों के चारे की समस्या विकराल हो गई है। जोगराजपुर कि खेतों में भरे बाढ़ के पानी में लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं।
रामगंगा का जलस्तर कम होने से अहलादपुर भटौली व कोलासोता गांव के लोग कटान होने की आशंका से भयभीत हैं। नदी की धार से कटान शुरू हो गया है। अहलादपुर भटौली के शिवरतन बताते हैं कि नदी जलस्तर बढ़ने व घटने पर कटान तेज करती है। अभी कटान बहुत धीमी गति से हो रहा है। बेघर ग्रामीणों के पास झोपड़ी रखने को भी भूमि नहीं है। नदी की धार से अधिकांश ग्रामीण भूमिहीन हो चुके हैं। अब नदी ने बेघर कर दिया है।
एसडीएम रमेशचंद्र यादव ने उदयपुर व आशा की मड़ैया में पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित कराई। एसडीएम ने बताया कि पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करने का काम प्रतिदिन चल रहा है और नाव भी भेजी जा रही हैं।