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संकिसा महोत्सव में बौद्ध और सनातनधर्मियों में जवाबी नारेबाजी

संकिसा में चल रहा बुद्ध महोत्सव में भगवान बुद्ध के अनुयाइयों ने परंपरागत धम्मयात्रा निकाली और धार्मिक स्थल पर पहुंचकर पूजा अर्चना की।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 06:39 PM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 06:39 PM (IST)
संकिसा महोत्सव में बौद्ध और सनातनधर्मियों में जवाबी नारेबाजी
संकिसा महोत्सव में बौद्ध और सनातनधर्मियों में जवाबी नारेबाजी

फर्रुखाबाद (जेएनएन)। संकिसा में चल रहा बुद्ध महोत्सव बुधवार को विभिन्न कार्यक्रमों के साथ संपन्न हो गया। सुबह भगवान बुद्ध के अनुयाइयों ने परंपरागत धम्मयात्रा निकाली और धार्मिक स्थल पर पहुंचकर पूजा अर्चना की। इस दौरान सनातनधर्मी भी परिसर के बाहर मौजूद थे। दोनों पक्ष जवाबी नारेबाजी करते रहे। रथ पर भगवान बुद्ध के अनुयायियों धार्मिक स्थल की परिक्रमा लगाई। बाद में सनातनधर्मियों ने वहां पहुंचकर पूजा अर्चना की। उल्लेखनीय है कि संकिसा टीले को लेकर करीब 31 साल से विवाद जारी है। दोनों धर्मों के अनुयायी इस पर अपना अपना दावा ठोंक रहें हैं।

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संकिसा में दिया था महामाया को उपदेश 

पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के सामने धम्मा लोको बुद्ध बिहार से सुबह भगवान बुद्ध के अनुयाइयों की धम्मयात्रा पुलिस की कड़ी सुरक्षा में शुरू हुई। यात्रा की अगुवाई भंते डा. धम्मपाल, कर्मवीर शाक्य, नगेंद्र शाक्य, सरिता शाक्य आदि भंते कर रहे थे। लोग धार्मिक नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ रहे थे। एक रथ पर भगवान बुद्ध का चित्र सजाया गया था। धार्मिक स्थल पर पहुंचकर कर अनुयाइयों ने परिक्रमा लगाई। इसके बाद मोमबत्ती, अगरबत्ती लगाकर पूजा अर्चना की। भंते डा. धम्मपाल ने अनुयाइयों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध ने 522 ईसा पूर्व स्वर्ग से संकिसा में उतरकर अपनी मां महामाया को उपदेश दिया था। इसलिए संकिसा का महत्व अधिक है। धार्मिक स्थल में भगवान की अस्थियां है। इस कारण हम लोग ऊपर न जाकर नीचे बैठकर पूजा अर्चना करते हैं। बौद्ध अनुयाई पूजा अर्चना कर रहे थे।

सनातनियों का समानांतर विरोध

इसी पूजा अर्चना और परिक्रमा के दौरान मां विसारी देवी सेवा समिति के संयोजक अतुल दीक्षित, भोलेपुर हनुमान मंदिर के महंत बाबा बालकदास के नेतृत्व में सनातनधर्मी भी परिसर की दीवार के किनारे खड़े होकर जवाबी नारेबाजी कर रहे थे। बुद्ध अनुयाइयों के वापस जाने के बाद सनातन धर्मियों को वहां आने की अनुमति दी गई। उन्होंने धार्मिक स्थल के ऊपर जाकर मां विसारी देवी मंदिर आदि की पूजा की व खीर प्रसाद वितरित किया। अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह, सीओ कायमगंज अखिलेश राय, नायब तहसीलदार चूड़ामणि फोर्स के साथ मौजूद रहे।

मेरठ में1500 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया

दिल्ली-देहरादून मेरठ के बाइपास स्थित सुभारती विवि परिसर में बुद्धम शरणम गच्छामि के उद्घोष के बीच बुधवार को 1500 लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की। विद्वान बौद्ध भिक्षुओंं ने सुख-शांति की कामना की। कार्यक्रम में पांच हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया। एमटीवी बुद्धिस्ट रिलीजियस चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बौद्ध विद्वान डा. चंद्रकीर्ति भंते ने पर कहा कि आज लोग शार्टकट अपनाकर जल्द भौतिक सुख सुविधाएं हासिल करना चाहते हैं। मानव जीवन को दुखों से मुक्ति दिलाने और सही मार्ग पर चलने के लिए आज भी महात्मा बुद्ध की शिक्षाएं प्रसांगिक हैं। इस दौरान उन्होंने 1500 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया, जिन्हें डा. चंद्रकीर्ति भंते ने दीक्षा दिलवाई। भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय के सलाहकार डॉ. एमके औतानी ने कहा कि तथागत बुद्ध के संदेश और उनकी विविधता बौद्ध धर्म के अनुयाइयों की सबसे बड़ी शक्ति, पूंजी और धरोहर है।


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