Move to Jagran APP

धर्म व अध्यात्म की गंगा में आधुनिकता का संगम

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद: धूनी लगाए नागा बाबा, कभी हर-हर गंगे तो कभी हर-हर महादेव के

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 10:58 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 10:58 PM (IST)
धर्म व अध्यात्म की गंगा में आधुनिकता का संगम

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद: धूनी लगाए नागा बाबा, कभी हर-हर गंगे तो कभी हर-हर महादेव के उद्घोष, आस्था की उदात्त लहरों को और अधिक उफान दे रहे। गुजरते श्रद्धालुओं के लिए भी नजारा कौतूहल भरा। कौतूहल हो भी क्यों न, यहां आस्था व अध्यात्म के साथ आधुनिकता का संगम जो हो रहा। शास्त्र विद्या के हर हुनर में माहिर संत महात्मा सधुक्कड़ी के बीच तकनीक में भी गोता लगा रहे। गंगा की रेत पर बसे अलबेले मेले में संतों का यह रूप भी लोगों को भा रहा।

loksabha election banner

पांचाल घाट गंगा के विशाल तट पर सतरंगी छटा के चटख रंगों से सराबोर माघ मेला रामनगरिया वाकई में अलबेला बन गया है। मेला क्षेत्र में संत महात्मा आकर्षण का केंद्र हैं। उनकी विविध वेशभूषा, विविध स्वरूप श्रद्धालुओं को अलौकिक संत समागम का आभास दे रहे। खासकर नागा संतों की दुनिया कल्पवासियों के लिए अनोखी बनी है। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा शिविर के सामने से जो भी गुजरता है, कुछ अनोखे अहसास के साथ आगे बढ़ता है।

बुधवार को नागा संत गंगा मइया व महादेव के भजनों की सरिता में सुध बुध खोए थे। लैपटाप पर मद्धिम और तेज होती आवाज के संग संत भी झूमते रहे। यूं तो मेला भ्रमण को पहुंचने वाले युवक, युवतियों व बच्चों के सेल्फी लेते दिखना आम बात है, पर संतों को सेल्फी लेते देख लोग एक पल को ठहर गए, उन्हें निहारते रहे। जूना अखाड़ा संत समिति के सचिव महंत सत्यगिरि कहते हैं कि मन में आध्यात्मिकता का भाव होना चाहिए। धर्म व संस्कृति रक्षा का संकल्प हो। साधन आधुनिक हों तो और भी अच्छा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.