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कोआपरेटिव बैंक ने पूर्व सांसद को पहुंचाया 60 लाख का फायदा

शिकायत पर हुई गोपनीय जांच में वर्ष 1994 से 2011 तक के बीच बने ड्राफ्ट पर 60,67,036 रुपये का कमीशन न लिए जाने की बात सामने आई जबकि 1994 के पहले का तो रिकार्ड ही बैंक से गायब है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 09:40 AM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 10:47 AM (IST)
कोआपरेटिव बैंक ने पूर्व सांसद को पहुंचाया 60 लाख का फायदा
कोआपरेटिव बैंक ने पूर्व सांसद को पहुंचाया 60 लाख का फायदा

फर्रुखाबाद (जेएनएन)। दि फर्रुखाबाद डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड में बड़े गोलमाल का राजफाश हुआ है। सपा के पूर्व सांसद व बैंक के निदेशक छोटे सिंह यादव की फर्म जय हिंद ट्रेडर्स का खाता बैंक में है। वहां वर्षों से डिमांड ड्राफ्ट बनवाए गए, लेकिन बैंक ने कमीशन नहीं लिया। शिकायत पर हुई गोपनीय जांच में वर्ष 1994 से 2011 तक के बीच बने ड्राफ्ट पर 60,67,036 रुपये का कमीशन न लिए जाने की बात सामने आई जबकि 1994 के पहले का तो रिकार्ड ही बैंक से गायब है।

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महाप्रबंधक की ओर से इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। खास बात यह है कि पूर्व सांसद की पुत्रवधू बैंक की चेयरमैन हैं, उन्हें इसका भी फायदा मिला। कुछ माह पहले शासन से पूर्व सांसद के खिलाफ कई बिंदुओं पर शिकायत की गई थी। इस मामले में जांच कराई जा रही है। सोमवार को बैंक प्रबंधक मनमोहन कटियार ने एक रिपोर्ट महाप्रबंधक को दी।

रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व सांसद की फर्म जय हिंद ट्रेडर्स के नाम बैंक में खाता है। इसमें वर्ष 1994 से 2011 तक कुल 417 ड्राफ्ट बैंक से बनवाए गए। इस दौरान ड्राफ्ट संख्या एक से 24 तक के ड्राफ्ट की कुल धनराशि 68,15,880 रुपये पर 10,132 रुपये कमीशन बैंक में जमा किया गया जबकि ड्राफ्ट संख्या 25 से 429 तक की धनराशि 40,44,69,077.08 रुपये पर कमीशन नहीं लिया गया जबकि इसका कमीशन 60,67,036 रुपये बनते थे। इससे पहले के अभिलेख बैंक में उपलब्ध न होने की जानकारी दी गई है। बैंक प्रबंधक ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार वह किसी खातेदार का कमीशन माफ नहीं कर सकते।

मामला गंभीर है

बैंक के सचिव/महाप्रबंधक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मामला गंभीर है। उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज रहे हैं यदि कोई खातेदार बैंक से अच्छा लेनदेन करता है तो उसकी तीन डीडी पर प्रबंधक कमीशन छोड़ सकता है पर इससे अधिक नहीं।

पूर्व सांसद छोटे सिंह ने बताया कि बैंक अध्यक्ष या बोर्ड की ओर से डीडी पर कमीशन न लेने का कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया। कमीशन लेना बैंक कर्मचारियों का काम है। उन्होंने कमीशन क्यों नहीं लिया। उनकी जवाबदेही होगी। शिकायतकर्ता एवं भाजपा जिला महामंत्री विमल कटियार ने बताया कि पूर्व सांसद के खिलाफ कई बिंदुओं पर शिकायत की थी। उसमें जांच चल रही है। पूरा रिकार्ड मिलने पर करोड़ों रुपये का कमीशन हड़पने का मामला निकलेगा।


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