जरा सी सावधानी, हाइपरटेंशन से बचाव
जीवन में अधिक तनाव लेने से ही हाइपरटेंशन जैसी बीमारी बढ़ती जा रही है। कभी-कभी यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है क्योंकि इसी के चलते हार्ट अटैक तक पड़ जाता है। जरा सी सावधानी व जागरुक होने से इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है। तेजी से बढ़ रही इस बीमारी से बचने को जागरुकता फैलाने के लिए ही हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जीवन में अधिक तनाव लेने से ही हाइपरटेंशन जैसी बीमारी बढ़ती जा रही है। कभी-कभी यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है, क्योंकि इसी के चलते हार्ट अटैक तक पड़ जाता है। जरा सी सावधानी व जागरुक होने से इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है। तेजी से बढ़ रही इस बीमारी से बचने को जागरुकता फैलाने के लिए ही हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है।
इस भागदौड़ भरी जिदगी में हर कोई अपना खान-पान और रहन-सहन बिगाड़ रहा है। यही वजह है कि लोगों में हाइपरटेंशन बीमारी बढ़ती जा रही है। लोहिया अस्पताल के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज पांडेय कहते हैं कि हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर बीमारी भी माना जाता है। हार्ट अटैक इसी बीमारी की वजह से पड़ता है। इस बीमारी के कोई विशेष लक्षण भी नहीं होते हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 से 49 वर्ष के महिला व पुरुष इस बीमारी से ज्यादा ग्रसित हैं। हाइपरटेंशन में कई बार रोगियों को सिर दर्द, चक्कर आने की शिकायत होती है, लेकिन अधिकतर असर मस्तिष्क, ह्रदय, किडनी व आंखों पर होता है। डॉ. दलवीर सिंह ने बताया कि रोजाना 25 से 30 मिनट का व्यायाम, कम नमक व कम वसा वाले भोजन के इस्तेमाल आदि से मानसिक तनाव से बचा जा सकता है। बीपी रोगियों को उपचार और दवाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हाइपरटेंशन की स्थिति में धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ता है। यह करें बचाव
- धूम्रपान व शराब के सेवन से बचें, हरी सब्जियों व फलों का सेवन करें, छह माह में एक बार बीपी जरूर चेक करवाएं, कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स खानपान में शामिल करें, रोजाना करीब एक घंटे व्यायाम करें, भोजन में नमक की मात्रा कम रखें, वजन घटाएं, मॉर्निंग वॉक करें व परिवार के साथ समय दें।