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चाक ने पकड़ी रफ्तार, बन रहे मिट्टी के दीपक व करवा

दीपावली और करवाचौथ का पर्व नजदीक आते ही कुम्हारों के यहां चाक की रफ्तार तेज हो गई है। मिट्टी के दीपक के साथ ही करवा व चकोरा आदि तेजी से बनाए जा रहे हैं। कुम्हार भी इन दोनों पर्वों से बेहद उम्मीदें लगाए बैठे हैं कि उन लोगों को मुनाफा होगा तो उनकी भी दीपावली अच्छी होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:36 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:03 AM (IST)
चाक ने पकड़ी रफ्तार, बन रहे मिट्टी के दीपक व करवा

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : दीपावली और करवाचौथ का पर्व नजदीक आते ही कुम्हारों के यहां चाक की रफ्तार तेज हो गई है। मिट्टी के दीपक के साथ ही करवा व सकोरा आदि तेजी से बनाए जा रहे हैं। कुम्हार भी इन दोनों पर्वो से बेहद उम्मीदें लगाए बैठे हैं कि उन लोगों को मुनाफा होगा तो उनकी भी दीपावली अच्छी होगी।

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शहर में लालदरवाजा बस स्टैंड के पास कुम्हारन गली, नीबाचुअत और सुनहरी मस्जिद के पास कुम्हार रहते हैं। इन लोगों के यहां मिट्टी की वस्तुओं को बनाने का पुश्तैनी काम होता है। दीपावली का पर्व आते ही इन लोगों के यहां चाक का पहिया तेजी से घूमने लगा है। मिट्टी के दीपक, करवा और सकोरा आदि वस्तुएं बना रहे हैं। सुनहरी मस्जिद निवासी अशोक प्रजापति और रामकिशोर प्रजापति कहते हैं कि यह उनका पुश्तैनी धंधा है। दीपावली पर मिट्टी के दीपक, करवा और सकोरा आदि की बेहद डिमांड होती है। दीपावली पर अच्छी बिक्री होने से मुनाफा ठीक हो जाता है। हालांकि झालरों ने मिट्टी के दीपक की डिमांड कम की है। वहीं करवाचौथ पर पीतल व स्टील के करवा के साथ ही मिट्टी के करवा का भी चलन होता है। बाजार में करवा 20 से 50 रुपये तक में बिक रहे हैं।


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