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दो सड़कों की सिगल यूज प्लॉस्टिक से निर्माण को स्वीकृति

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद पर्यावरण के लिए चुनौती बने सिगल यूज प्लास्टिक का निस्तारण भी समस्

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 06:42 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 06:42 PM (IST)
दो सड़कों की सिगल यूज प्लॉस्टिक से निर्माण को स्वीकृति
दो सड़कों की सिगल यूज प्लॉस्टिक से निर्माण को स्वीकृति

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पर्यावरण के लिए चुनौती बने सिगल यूज प्लास्टिक का निस्तारण भी समस्या बना हुआ है। हालांकि शासन की ओर से अब इस प्लास्टिक कचरे का नायाब उपयोग निकाल लिया हे। प्लास्टिक को ग्रेवल में मिक्स कर सड़क निर्माण कराने की योजना शुरू की गई है। फिलहाल जनपद की दो सड़कों पर लगभग 13 किलोमीटर भाग को इस इस तकनीक से बनाए जाने को शासन से हरी झंडी मिल गई है। विशेषज्ञों की मानें तो प्लास्टिक मिक्स सड़कें सामान्य से कई गुना अधिक मजबूत होती हैं।

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लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आदित्य कुमार बताते हैं कि प्रमुख अभियंता यातायात वर्ग की ओर से आगामी वित्तीय वर्ष के लिए जनपद की दो सड़कों के 13.76 किलोमीटर भाग का वेस्ट प्लास्टिक से नवीनीकरण कराने की कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसमें फतेहगढ़ गुरसहायगंज मार्ग के पांच किलोमीटर के लिए भेजी गई 151.02 लाख और फर्रुखाबाद कायमगंज मार्ग के 8.76 किलोमीटर भाग के लिए 270.04 लाख की कार्ययोजना को स्वीकृति शामिल की गई है।

यह है प्लास्टिक कचरे से सड़क निर्माण की प्रक्रिया

सबसे पहले प्लास्टिक कचरे की श्रेडिग (छोटे टुकडों में काटना) की जाती है। फिर सड़क बनाने वाले पत्थर या गिट्टी (ग्रेवल) को उच्च तापमान पर गर्म कर इसमें प्लास्टिक के टुकड़ों को मिला दिया जाता है। गर्म ग्रेवल के संपर्क में आकर प्लास्टिक के टुकड़े पिघलकर पत्थर के चारों ओर फिल्म कोटिग बना देते हैं। इसके बाद हॉट मिक्स प्लांट में पिघले हुए गर्म तारकोल को इस प्लास्टिक कोटेड ग्रेवल में मिलाकर सड़क पर बिछा दिया जात है।

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लागत दस फीसद कम, मजबूती दो गुनी

अधिशासी अभियंता ने बताया कि सिगल यूज प्लास्टिक से सड़क निर्माण में खर्च में लगभग दस फीसद की कमी आएगी। वहीं इस तकनीक से बनी सड़कें सामान्य सड़कों से लगभग दो गुना अधिक मजबूत होंगी। वह बताते हैं कि प्लास्टिक कोटेड ग्रेवल पर पानी कम असर करता है। इस लिए टूट-फूट कम होने से सड़कों की लाइफ भी अधिक रहती है।

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चेन्नई, इंदौर व पुणे में हो चुका सफल ट्रायल

प्लास्टिक वेस्ट से सड़कों के निर्माण का सफल परीक्षण चेन्नई, इंदौर व पुणे आदि शहरों में पूर्व में हो चुका है। जो कि काफी सफल रहा है। इसी से प्रेरित होकर प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है।


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