पलटने से बची अहमदाबाद एक्सप्रेस
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अहमदाबाद-लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन मंगलवार को पलटने से बची। कायमगंज
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अहमदाबाद-लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन मंगलवार को पलटने से बची। कायमगंज से फर्रुखाबाद तक ट्रेन पहिए के टूट चुके हैंगर के साथ तक दौड़ी। गनीमत रही कि आवाज सुन सतर्क हुए यात्रियों ने इसकी जानकारी फर्रुखाबाद स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही रेलवे कर्मचारियों को दी। इसके बाद एक घंटे 20 मिनट ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रही। टूटे हैंगरों को बदला गया।
अहमदाबाद-लखनऊ एक्सप्रेस मंगलवार करीब डेढ़ घंटे विलंब से सुबह 11 बजे फर्रुखाबाद स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच पर पहुंची। गार्ड के आगे वाली बोगी के पहिए के दोनों हैंगर टूटे हुए थे। यात्रियों ने पहिए से आवाज आने की जानकारी रेलवे कर्मियों को दी। यात्री उमाशंकर, रमेश आदि ने बताया कि कायमगंज स्टेशन पास करने के बाद उन्हें बोगी के नीचे आवाज आने का आभास होने लगा था। कैरिएज विभाग की टीम ने आकर जांच की। हैंगर टूटे देख कर्मचारी हैरान रह गए। स्टेशन अधीक्षक उमाशंकर प्रसाद कौशिक, सीनियर सेक्शन इंजीनियर आशुतोष कुमार, विवेक बाथम व अन्य अधिकारी मौके पर आ गए। जैक लगाकर बोगी को उठाया गया। इसके बाद टूटे हैंगर निकाले गए। नए हैंगर डालने का काम शुरू हुआ। इस दौरान कुछ यात्रियों ने ट्रेन चलने का समय न बताने पर हंगामा किया। आरपीएफ सिपाही अजयपाल ¨सह से यात्रियों की नोकझोंक हो गई। ट्रेन एक घंटा 20 मिनट बाद 12.20 बजे रवाना हो सकी।
सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने बताया कि बोगी के चक्का नंबर दो व चार के बीच का हैंगर टूट गया था। ट्रेन के आने पर कैरिएज विभाग के कर्मचारी चे¨कग कर रहे थे। उसी समय उनकी नजर टूटे हैंगर पर पड़ गयी। ट्रेन को रोककर हैंगर बदले गए। ट्रेन के गार्ड एचपी ¨सह राणा ने भी दावा किया कि कैरिएज विभाग के कर्मियों की चेकिंग के दौरान टूटा हैंगर देख लिया गया और हादसा टल गया। कासगंज में भी ट्रेन की चे¨कग हुई थी, जहां गड़बड़ी नहीं मिली थी।
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डिरेल हो सकती थी ट्रेन : ट्रेन के पहिए के निकट लगने वाला हैंगर क्षतिग्रस्त होने पर दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। पहिया पटरी से नीचे उतरने के साथ ही बोगी पलट सकती थी।
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बैक करनी पड़ी ट्रेन
अहमदाबाद-लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन के फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन पर रुकने का समय मात्र पांच मिनट है। ट्रेन चलने के लिए तैयार थी, गार्ड ने झंडी भी दिखा दी। इसी बीच हैंगर टूटने की जानकारी मिली। कैरिएज विभाग के कर्मचारियों को जैक लगाने के लिए जगह नहीं मिली। इस कारण ट्रेन को बैक कर पीछे ले जाया गया। सवा घंटे की मशक्कत के बाद रेलवे कंट्रोल को हैंगर बदलने की जानकारी दी गई और ट्रेन रवाना हुई।