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निजी अस्पताल न खोलने पर कार्रवाई की चेतावनी

आम दिनों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर मुंह बिचकाने

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 09:55 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 06:01 AM (IST)
निजी अस्पताल न खोलने पर कार्रवाई की चेतावनी

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : आम दिनों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर मुंह बिचकाने वाले धरती के भगवान फिलहाल भूमिगत हैं। दिन रात मरीजों की रेलम-पेल वाले नर्सिंग होम विगत एक सप्ताह से अधिक से सूने पड़े हैं। अधिकांश ने अपने यहां भर्ती मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया है। कोरोना महामारी के दौरान मानवता को स्वास्थ्य विभाग के सरकारी तंत्र के भरोसे छोड़ दिया गया है। हालांकि शासन ने अब इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। चिकित्सा विभाग के मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वह लॉकडाउन के दौरान निजी चिकित्सालयों को खुलवाएं।

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जनपद फर्रुखाबाद चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ी मंडी माना जाता है। यहां पर हरदोई, शाहजहांपुर, एटा, कासगंज, कन्नौज और मैनपुरी जनपद तक के मरीज आते हैं। शहर में 200 के करीब नर्सिंग होम हैं। आम तौर पर अधिकांश में मरीजों की रेलम-पेल का नजारा रहता है। हालांकि कोरोना महामारी के बाद से अधिकांश में ताले लटक रहे हैं। जिला प्रशासन ने कुछ चिकित्सकों के माध्यम से मेडिकल कैंप संचालित कराएं हैं। हालांकि इन शिविरों में भी मरीजों से वसूली की जानकारी आ रही है। इसी के मद्देनजर चिकित्सा मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान निजी चिकित्सालयों को निश्चित अवधि के लिए खुलवाने और दवाओं की उपलब्धता की व्यवस्था करें। यदि कोई चिकित्सक इन निर्देशों का पालन नहीं करता है तो समुचित प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाए। निजी चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों व आइएमए पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उपचार के दौरान शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने की सलाह भी दें।


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