आशियाने का ख्वाब छीनने वालों पर तलवार
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद बेघर गरीबों को एक अदद प्रधानमंत्री आवास पाने का ख्वाब छीनने वाल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बेघर गरीबों को एक अदद प्रधानमंत्री आवास पाने का ख्वाब छीनने वाले ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के संबंध में 'जागरण' में विगत 16 जनवरी को समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मामले में अब कार्रवाई शुरू हो गई है। 'जागरण' ने खबर में जनपद के 44 ग्रामों में लाभार्थियों की संख्या शून्य होने का मामला उजागर किया था। जिला पंचायत राज अधिकारी ने खंड विकास अधिकारी बढ़पुर की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी को चार्जशीट जारी कर दी है। अन्य ब्लॉकों में भी जांच अंतिम चरण में है।
विगत नौ जनवरी को विकास खंड बढ़पुर की ग्राम पंचायत जैतपुर में आयोजित जनचौपाल में जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह के सामने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव में पात्र लाभार्थियों की संख्या शून्य होने का मामला सामने आया था। इस संबंध में डीएम ने परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण राजमणि वर्मा को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। खंड विकास अधिकारी बढ़पुर भारत प्रसाद की परियोजना निदेशक को भेजी रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत जैतपुर में पात्र लाभार्थियों की संख्या 12 हैं। जिनका पंजीयन तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव शैलेंद्र त्रिपाठी द्वारा नहीं कराया गया। इसके अतिरिक्त विकास खंड की अन्य ग्राम पंचायतें भी ऐसी हैं, जिनमें लाभार्थी पात्र होते हुए भी संबंधित ग्राम पंचायत सचिव द्वारा पात्र परिवारों का पंजीयन नहीं कराया गया है। विस्तृत रिपोर्ट पर डीपीआरओ शिव शंकर सिंह ने शैलेन्द्र त्रिपाठी को आरोप पत्र जारी कर दिया है। आरोप पत्र के अनुसार ग्राम पंचायत जैतपुर, धारमपुर, रसीदपुर, बावरपुर, देवरामपुर, खारबन्दी कुइयांबूट व अजमतपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों की फीडिग शून्य पायी गई। जबकि इन ग्रामों में 167 पात्र लाभार्थी उपलब्ध हैं। शासन की मंशा के अनुरूप पात्र लाभार्थियों को शासन द्वारा दी जाने वाली योजनाओं से वंचित रखा जाना अत्यंत निदनीय कृत्य है। इससे स्पष्ट होता हैं कि संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी शैलेन्द्र त्रिपाठी शासकीय कार्यों के प्रति शिथिलता व उदासीनता बरतने के आदी हैं। आरोपों के संबंध में अपना स्पष्टीकरण साक्ष्यों सहित प्रस्तुत करने के लिए उन्हें 23 जनवरी तक का समय दिया गया है। निर्धारित अवधि में स्पष्टीकरण प्रस्तुत न आने पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। शिव शंकर सिंह, डीपीआरओ