दबंग कैदी के उत्पीड़न से आजिज बंदी ने फांसी लगाई
जिला जेल की बैरिक नंबर पांच में निरुद्ध एक हत्यारोपित बंदी ने उसी बैरिक में बंद एक दबंग कैदी के उत्पीड़न व वसूली की मांग से आजिज आ कर मंगलवार अपराह्न लगभग तीन बजे पीपल पर चढ़ कर अपने अंगौछे से फांसी लगा ली। नजर पड़ने पर अन्य बंदियों व बंदी रक्षकों ने उसे फंदे से उतारा। कारागार प्रशासन ने बंदी को जेल में प्राथमिक उपचार के बाद लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिला जेल की बैरक नंबर पांच में निरुद्ध एक हत्यारोपित बंदी ने उसी बैरक में बंद एक दबंग कैदी के उत्पीड़न व वसूली की मांग से आजिज आ कर मंगलवार अपराह्न लगभग तीन बजे पीपल पर चढ़ कर अपने अंगौछे से फांसी लगा ली। नजर पड़ने पर अन्य बंदियों व बंदीरक्षकों ने उसे फंदे से उतारा। कारागार प्रशासन ने बंदी को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया।
कमालगंज थाना क्षेत्र के गांव खुदागंज निवासी जदुनाथ गहरवार का 37 वर्षीय पुत्र विश्वनाथ गहरवार उर्फ बउआ सिंह हत्या के मामले में जिला कारागार में निरुद्ध चल रहा है। मंगलवार दोपहर बंदी विश्वनाथ ने बैरक नंबर पांच के पास लगे पीपल के पेड़ पर अंगौछे से फांसी लगा ली। मामले की जानकारी पर जेल प्रशासन में हलचल मच गई। आनन फानन में उसे फंदे से उतारकर जेल अस्पताल ने जाया गया। जेल चिकित्सक विजय अनुरागी ने बंदी विश्वनाथ को प्राथमिक उपचार के बाद लोहिया अस्पताल भेजा। बंदी रक्षक योगेंद्र सिंह, सुशील पाल ने उसे एंबुलेंस से लाकर लोहिया में भर्ती कराया। डॉ. अभिषेक चतुर्वेदी ने बताया कि बंदी विश्वनाथ की हालत सामान्य है। इलाज किया जा रहा है। बंदी ने बताया कि वह हत्या के मामले में 18 अक्टूबर 2016 से जिला जेल में निरुद्ध है। बैरक नंबर पांच का एक बंदी उससे रुपये की मांग रहा है। विरोध करने पर उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी के चलते उसने फांसी लगाकर जान देने का प्रयास किया था। जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बताया कि बंदी विश्वनाथ ने कभी उत्पीड़न या वसूली की शिकायत उनसे या किसी जेल अधिकारी से नहीं की है। यदि इस प्रकार की शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी।