डीएम के संज्ञान लेने पर सांसद ने जमा किए 4.83 लाख
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद बिजली का बिल का बकाया जमा किए बिना लोकसभा चुनाव में नामांकन के
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बिजली का बिल का बकाया जमा किए बिना लोकसभा चुनाव में नामांकन के लिए नो-ड्यूज प्रमाणपत्र जारी करने को अधिशासी अभियंता को फोन पर धमकाने व अभद्र भाषा का उपयोग करने के मामले में डीएम से शिकायत की गई थी। एक्सईएन की शिकायत पर जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा संज्ञान लेने के बाद सांसद मुकेश राजपूत ने बुधवार को 4.83 लाख का बकाया जमा करा दिया। इसके बाद नो-ड्यूज की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सांसद और अधिशासी अभियंता की वार्तालाप का ऑडियो और पत्र मीडिया में वायरल होने के बाद जिलाधिकारी मोनिका रानी ने मंगलवार को एसपी को कार्रवाई के लिए लिख दिया था। पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल मिश्रा ने मामले की जांच एएसपी को सौंप दी थी। इसके बाद सांसद मुकेश राजपूत ने अपने आवास व शो-रूम के विद्युत बिल बकाया को ओटीएस योजना की छूट के साथ शेष बची 4.83 लाख की धनराशि जमा करा दी। अप्रैल 2012 से अभी तक का उनके आवास व शोरूम पर 6.22 लाख विद्युत बिल बकाया था। विभाग ने अब उनके नो-ड्यूज की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नो-ड्यूज में अभी बाकी है पेच
सोमवार को हुई घटना के बाद अधिशासी अधिकारी नगरीय ने अधीक्षण अभियंता को पत्र लिख कर लोकसभा चुनाव के लिए उनके स्तर से नो-ड्यूज जारी करने में असमर्थता व्यक्त कर दी थी। एक्सईएन ने पत्र में कहा था चूंकि लोकसभा चुनाव में पूरा जनपद शामिल है, और उनके पास ग्रामीण क्षेत्र का रिकार्ड नहीं है। इस लिए उचित होगा कि अधीक्षण अभियंता नो-ड्यूज के आवेदन पर नगर और ग्रामीण क्षेत्र सदर व कायमगंज के अधिशासी अभियंताओं से भी रिपोर्ट प्राप्त कर अपने स्तर से ही प्रमाणपत्र जारी कर दें। हालांकि अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह विभागीय प्रक्रिया है। हम आपस में तय कर लेंगे। प्रमाणपत्र अधिशासी अभियंता ही जारी करेंगे। उन्होंने बताया कि सांसद ने बकाया जमा कर दिया है। नो-ड्यूज प्रमाणपत्र जारी होने की प्रक्रिया में है। सांसद से मेरी कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं
अधिशासी अभियंता पंकज अग्रवाल ने बताया कि उनकी सांसद से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। मैं अपनी सरकारी ड्यूटी कर रहा हूं। फर्रुखाबाद नगर क्षेत्र डीवीवीएनएल में पहले स्थान पर पूरे यूपी में तीसरे नंबर पर है। मैं अपने घर से दूर यहां बच्चों के साथ रह रहा हूं। वार्तालाप की भाषा से भयभीत होना स्वभाविक था। इसलिए सुरक्षा की ²ष्टि से डीएम को सूचित करना मेरी मजबूरी थी। अब सांसद ने बिल जमा करा दिया है। उच्चाधिकारियों का जो भी आदेश होगा उसका अनुपालन किया जाएगा।