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दो कमरे के स्कूल में 13 प्रशिक्षु, मल्टी स्टोरी में कोई नहीं

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिले के तीन हजार डीएलएड प्रशिक्षुओं को एक महीने का प्रशिक्ष

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 10:53 PM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 10:53 PM (IST)
दो कमरे के स्कूल में 13 प्रशिक्षु, मल्टी स्टोरी में कोई नहीं
दो कमरे के स्कूल में 13 प्रशिक्षु, मल्टी स्टोरी में कोई नहीं

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद :

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जिले के तीन हजार डीएलएड प्रशिक्षुओं को एक महीने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन प्रशिक्षण के लिए आवंटित किए गए विद्यालयों में नामांकन सूची और प्रशिक्षुओं की संख्या के आधार पर बड़ी गड़बड़ी नजर आ रही है। दो कमरों के प्राथमिक विद्यालय प्रीतम नगला में 59 बच्चों पर ही 13 प्रशिक्षु तैनात कर दिए गए। जबकि कक्षा एक से आठवीं तक मल्टीस्टोरी परिषदीय विद्यालय हैवतपुर गढि़या में कोई प्रशिक्षु नहीं है। जनपद में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान व 33 महाविद्यालयों में कुल 3000 डीएलएड प्रथम सेमेस्टर के छात्र हैं। इन्हें ट्रे¨नग के लिए परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में भेजा गया है। नगर शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारियों ने प्रशिक्षुओं की तैनाती, विद्यालय भवन व छात्र संख्या के आधार पर किए जाने की बात कही थी। जिससे प्रशिक्षुओं को ट्रे¨नग मिल सके। सबसे बड़ी गड़बड़ी नगर क्षेत्र के विद्यालयों में हुई है। प्रीतम नगला में जहां प्रशिक्षुओं की भरमार है, वहीं बहुमंजिला विद्यालय हैवतपुर गढि़या में एक भी प्रशिक्षु तैनात नहीं किया गया। ¨लजीगंज के विद्यालय में 10 डीएलएड छात्र लगाए गए हैं। इसी परिसर में एक ही कमरे में चल रहे प्राथमिक विद्यालय सुतहट्टी में छह प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के लिए संबद्ध किया गया। प्राथमिक विद्यालय रेलवे स्टेशन के बच्चे एक ही बरामदे में बैठते हैं। यहां पांच प्रशिक्षु भेजे गए। जनपद में 1290 प्राथमिक विद्यालय हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि दो से तीन प्रशिक्षु हर विद्यालय में भेजे जाएं तो व्यवस्था बेहतर रह सकती है। वहीं डायट प्राचार्य विजय पाल ¨सह का कहना है कि डीएलएड छात्रों को स्कूल में भेजने का उद्देश्य शिक्षण कार्य को समझना और नामांकन, विद्यालय अभिलेख आदि की जानकारी लेनी है। नियमानुसार डीएलएड कॉलेज के छात्रों को सात किमी की दूरी के विद्यालय में ही प्रशिक्षण के लिए भेजा जा सकता है। इसके चलते शहर के कुछ विद्यालयों में अधिक प्रशिक्षुओं को भेजना पड़ा।


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